Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार पर 10 लाख का जुर्माना लगाया है। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जुर्माने की यह रकम 4 हफ्ते के अंदर देनी होगी। वहीं, अगले छह हफ्ते में इसका सुबूत कोर्ट में दाखिल करना होगा। दरअसल, यह मामला राजस्थान के मजूदरों का है। राजस्थान सरकार (श्रम मंत्रालय) ने अस्थाई तौर पर काम कर रहे श्रमिकों को बहाल तो किया लेकिन इसका लाभ जैसे भत्ते आदि नहीं दिए थे। बता दें यह मामला करीब 22 साल से अलग-अलग जगह विचाराधीन था।
22 साल से चल रहा मुकदमा
पहले कई साल यह मामला जिला अदालत फिर हाई कोर्ट में चलता रहा। अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने राज्य द्वारा दायर याचिका को तुच्छ मुकदमा करार देते हुए खारिज कर दिया और मजदूरों को उनका हक देने को कहा है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि श्रम न्यायालय ने गरीब मजदूरों को बार बार मुकदमा दायर करने के लिए मजबूर किया है। अदालत ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान सरकार पिछले 22 सालों से गरीब मजदूरों को परेशान कर रही है।