One Nation One Election: ‘एक देश एक कानून’ प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की हरी झंडी मिल चुकी है। लेकिन अब भी इस फैसले के लागू होने को लेकर कई बाधाएं हैं। विपक्ष इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। इसे शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। जिसको लेकर अब विपक्षी दलों की ओर से बयानबाजी भी शुरू हो चुकी है। हालांकि इस प्रस्ताव को अभी कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मंजूरी मिलना भी बाकी है।
इस प्रस्ताव को लेकर केंद्र सरकार की ओर से विशेष कमेटी का गठन किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था। अगर इसे सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया जाता है तो संविधान में संशोधन की जरूरत भी होगी। अगर ये प्रस्ताव पारित हुआ तो लोकसभा और राज्यसभा चुनाव एक साथ होंगे। लेकिन विपक्ष इसका विरोध क्यों कर रहा है? देखते हैं ये खास रिपोर्ट…