Ketu Grah In Kundali 7th House Effect: जन्म कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाते हैं। जन्म कुंडली का सातवां भाव शादी और साझेदारी को दर्शाता है, जो व्यक्ति की शादीशुदा जिंदगी, जीवनसाथी के साथ संबंध और साझेदारी में होने वाले रिश्तों का प्रतिनिधित्व करता है। जिन लोगों की जन्म कुंडली के 7वें भाव में केतु विराजमान होते हैं, उनके रिश्तों पर अशुभ प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष में केतु को एक छाया ग्रह माना गया है, जो मोक्ष, वैराग्य और अलगाव के दाता हैं।
ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति को झूठ बोलने और झूठे वादे करने से बचना चाहिए। किसी से अपशब्द न बोलें और गलत संगत से बचें। सोच-समझकर ही साझेदारी में काम करें और विरोधियों से सावधान रहें। यदि आप जानना चाहते हैं कि 7वें भाव में केतु के होने के दौरान व्यक्ति को कौन-कौन से उपाय करने चाहिए, तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।