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Kargil Diwas 2024: कैप्टन विजयंत थापर की शहादत की कहानी पिता की जुबानी, देखें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

Kargil Diwas 2024 Special Bravery Story: कारगिल दिवस आ रहा है। ऑपरेशन विजय को 25 साल हो गए हैं। इस मौके पर देश याद कर रहा है, बलिदानी जवान कैप्टन विजयंत थापर को, जिन्होंने अपनी जान देकर कारगिल युद्ध में भारतीय सेना को पहली जीत दिलाई थी। आइए जानते हैं विजयंत थापर की शहादत की कहानी...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jul 14, 2024 16:17
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Captain Vijyant Thapar Bravery Story: कारगिल दिवस 26 जुलाई को है। 26 जुलाई 2024 को कारगिल युद्ध के 25 साल पूरे हो रहे हैं। जीत के 25 साल का जश्न भारतीय सेना उत्तर प्रदेश में मना रही है। सहारनपुर के सरसवा एयरफोर्स स्टेशन पर एयर शो चल रहा है। बता दें कि 26 जुलाई 1999 को कारगिल सेक्टर में भारत ने पाकिस्तान को हराया था। कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से जाना जाता है। 3 मई 1999 को शुरू हुई युद्ध 26 जुलाई को खत्म हुआ था। करीब ढाई महीने चले युद्ध में भारतीय सेना ने अपने 500 से ज्यादा जवान खोए थे, जिनकी शहादत को देश नमन कर रहा है। कारगिल युद्ध में देश पर बलिदान होने वालों में एक जांबाज कैप्टन विजयंत थापर भी थे, जिन्हें कारगिल पर दुश्मन पर पहली जीत का नायक माना जाता है। इन्हें तोलोलिंग की चोटियों को दुश्मनों से खाली कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे उन्होंने जान देकर पूरा किया। शहादत के समय विजयंत की उम्र सिर्फ 22 साल दी। उनके पिता वीएन थापर भी भारतीय सेना में कर्नल थे, जिन्होंने कारगिल विजय दिवस के मौके पर बेटे को याद किया। आइए उनकी जुबानी सुनते हैं, विजयंत थापर की बहादुरी की कहानी…

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HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Jul 14, 2024 04:12 PM

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