पंडित सुरेश पांडेय (Kaalchakra News24 Today): वैदिक शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रहों में से शनि को सबसे क्रूर माना जाता है। यह ग्रह सबसे धीमी चाल चलता है। इसी वजह से एक राशि में यह कम से कम ढाई साल तक रहता है। दोबारा एक बार फिर उसी राशि में आने के लिए शनि को लगभग 30 साल का समय लगता है। जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है, तो उसका प्रभाव सीधे 12 राशियों के जीवन पर पड़ता है। वहीं जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती लगती है, तो इससे उसे मानसिक रूप से लेकर शारीरिक और आर्थिक तंगी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको शनि की साढ़ेसाती से जुड़ी जानकारी देंगे। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि कहीं आपकी कुंडली में भी तो शनि की साढ़ेसाती नहीं लगी है, इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।