हर महीने की शुरुआत में कुछ न कुछ नियमों में बदलाव होते हैं। इसी तरह जून महीने की शुरुआत होते ही कुछ बदलाव किए गए हैं और बदलाव में UPI पेमेंट को लेकर भी बदलाव किए गए हैं। बता दें कि ये नए नियम नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लागू किए जाएंगे। इस बदलाव का असर खासकर व्यापारियों और बार-बार UPI यूज करने वालों को ज्यादा महसूस होगा। अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए 1 जून और 1 अगस्त 2025 से कुछ बड़े बदलाव होने वाले हैं। आइए जानते हैं क्या-क्या बदलाव होंगे?
क्या हैं UPI के नए नियम
NPCI ने UPI को लेकर नियम लागू किया है। इस नियम के तहत पेमेंट करते समय यूजर को सिर्फ ‘Ultimate Beneficiary’ यानी असली रिसीवर का बैंकिंग नाम ही दिखेगा। जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि एडिट किए गए नाम अब आपको नहीं दिखाई देंगे और बैंक में दर्ज नाम ही दिखाई देंगे। इसके साथ ही ट्रांजैक्शन रिस्पॉन्स टाइम को 30 सेकंड से कम कर के 15 सेकंड करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि ये जून के अंत तक यानी कि 30 जून तक सभी UPI ऐप्स पर लागू हो सकते हैं।
अगस्त में होने वाले बदलाव
अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो 1 अगस्त 2025 से भी आपके लिए कुछ बड़े बदलाव आने वाले हैं। NPCI ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें UPI API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के इस्तेमाल को सीमित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका मकसद सिस्टम पर ज्यादा लोड को कम करके सर्वर डाउन होने जैसी दिक्कतों से बचना है। अब एक दिन में सिर्फ 50 बार बैलेंस चेक किया जा सकेगा और ऑटो-पे लेन-देन सिर्फ नॉन-पीक आवर्स में ही किए जा सकेंगे।
नई नियमों के मुताबिक, अब आप हर ऐप जैसे कि Paytm या PhonePe से एक दिन में 50 बार तक ही बैलेंस चेक कर सकते हैं। यानी अगर आप दो ऐप इस्तेमाल करते हैं, तो हर ऐप से 50-50 बार बैलेंस देख सकते हैं। इसके अलावा अपने अकाउंट की लिस्ट यानी कि कौन-कौन से अकाउंट जुड़े हैं, एक दिन में सिर्फ 25 बार ही देख सकेंगे। NPCI ने बैंकों को ये भी कहा है कि जब भी कोई लेन-देन (जैसे पैसे भेजना या लेना) होता है, तो उसके बाद बैलेंस अपने-आप दिखाना होगा, ताकि आपको बार-बार बैलेंस चेक न करना पड़े।