Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Chanakya) भारत के पहले महान अर्थशास्त्री और दार्शनिक थे। आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्र, राजनीति, कूटनीति के अलावा व्यवहारिक जीवन की भी कई बातें बताई हैं। उनके वचन और नीतियां आज भी मनुष्य के मुश्किल वक्त में काफी मदद करती हैं। आर्चाय चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में समाज के हर वर्ग के बारे में विस्तार से चर्चा की है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी घर का वैभव उस घर में रहने वाली स्त्री के चरित्र और उसके श्रृंगार से आसानी से समझा जा सकता है। चाणक्य के मुताबिक स्त्री में इतनी क्षमता होती है कि वह घर को स्वर्ग बना पथ भ्रष्ट होने पर नर्क भी बना देती है।
संतोष की भावना
जो स्त्री अपने परिवार की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति में संतुलन बनाए रखकर अपनी खाव्हिशों को पूरा करती हैं वो पति और ससुराल पक्ष के लिए भाग्यशाली साबित होती हैं। जिन महिलाओं में संतोष की भावना होती है, उसका दांपत्य और पारिवारिक जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहता है। पत्नियां धन की बचत का महत्व समझती हैं। ऐसे पुरुष बहुत ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें ऐसी पत्नियां मिलती हैं।
शिक्षित, संस्कारी और गुणवान
एक गुणवान महिला पूरे परिवार को संभाल लेती है। शिक्षित महिला आत्मविश्वास से परिपूर्ण होती है। वो गलत और सही की पहचान आसानी से कर लेती हैं। मुश्किल घड़ी में शिक्षित महिला पति के साथ-साथ पूरे परिवार को संबल बनकर संभाल लेती हैं। शिक्षा के साथ संस्कारी महिला आगे की पीढ़ी का भविष्य सुधारने में अहम भूमिका निभाती है.
धर्म का पालन करने वाली
आचार्य चाणक्य कहते हैं जो महिला धर्म का पालन करते हुए अपने कर्तव्यों से कभी मुंह नहीं मोड़ती वह अपने परिवार के लिए भाग्यशाली होती हैं। आध्यात्म में विश्वास रखने वाली स्त्रियों के घर में सुख और शांति कभी भी भंग नहीं होती है। धर्म का पालन करने वाली महिलाएं खुद के साथ परिवार के जीवन को भी सार्थक बना देती हैं। इसके कारण आने वाली पीढियां भी धार्मिक और संस्कारी होते हैं।