ED Raids in Jharkhand: खनन मामले में तीन जनवरी को ईडी की टीम ने झारखंड के कई शहरों में एक साथ छापेमारी की। यह छापेमारी रांची, साहिबगंज, देवघर समेत पांच ठिकानों पर हुई है। इनमें सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू, बिनोद कुमार और रौशन कुमार के आवास और दफ़्तर शामिल हैं। बता दें कि 2 जनवरी को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के अंतिम समन का दो टूक जवाब भेजकर सियासी जंग का शंखनाद कर दिया है। उन्होंने महागठबंधन के विधायकों की बैठक बुधवार शाम को बुलाई। यह बैठक शाम साढ़े चार बजे सीएम आवास पर हुई। इस दौरान सोरेन ने विधायकों को वर्तमान सियासी हालात से अवगत कराते हुए उनके स्तर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
किसी भी तरह की स्थिति में वे एकजुट हैं। राज्य सरकार के खिलाफ किसी भी तरह की साजिश को सफल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार विकास और जनहित में कार्य कर रही है और यह कार्य निरंतर जारी रहेगा 2/2 pic.twitter.com/JlaXppgzA4
---विज्ञापन---— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) January 3, 2024
हेमंत सोरेन ने शिबू सोरेन से की मुलाकात
सत्ता परिवर्तन की चर्चाओं के बीच हेमंत सोरेन ने मंगलवार को शिबू सोरेन से भी मुलाकात की, लेकिन इस बैठक से पहले ही ईडी ने बड़ा एक्शन ले लिया और सुबह-सुबह पांच ठिकानों पर छापेमारी की। रातूस्थित अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के आवास और विनोद सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की भी खबरें सामने आईं।
यह भी पढ़ें: झारखंड में सियासी उथल पुथल के बीच खतरे में हेमंत सोरेन की विधायकी! जानें चुनाव आयोग के बंद लिफाफे का राज
अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू सीएम के प्रेस सलाहकार हैं। वहीं विनोद सिंह ग्रिड आर्किटेक्ट के मालिक हैं। उनके अरगोड़ा सहित कई ठिकानों पर ईडी ने रेड की है। ईडी ने यह छापेमारी अवैध खनन मामले में की है। साहिबगंज डीसी के आवास पर भी ईडी की छापेमारी की सूचना है। वहीं, जिन लोगों के यहां छापेमारी की, उसमें प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी और राजनीतिक नेता शामिल हैं।
पूर्व विधायक पप्पू यादव के देवघर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई, तो डीएसपी राजेंद्र दुबे के हजारीबाग एवं अन्य ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दबिश दी। अभय सरावगी के कोलकाता स्थित ठिकानों पर रेड हुई, तो सिपाही अवधेश खुमार के यहां भी केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम पहुंची। कार्रवाई सुबह-सुबह शुरू हुई, जिसके बाद से हड़कंप मच गया।
यह भी पढ़ें: Jharkhand: रांची में विरोध प्रदर्शन करने पर क्यों मजबूर हुआ आदिवासी समुदाय, कहीं यह वजह तो नहीं