ED raids more than 40 locations: पश्चिम बंगाल के कोलकाता सहित झारखंड के धनबाद में कोयला कारोबारियों के करीब 40 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. कोलकाता, कोयला तस्करी और आर्थिक अनियमितता से जुड़े मामले में एक बार फिर केंद्रीय जांच एजेंसी गुरुवार सुबह कोलकाता और धनबाद में प्रमुख कोयला कारोबारी नारायण खडका, लालबाबू सिंह उर्फ एल.बी. सिंह और उनके भाई कुम्भनाथ सिंह, अनिल गोयल, श्याम सुंदर भलोटिया, सुशांत गोस्वामी सहित युधिष्ठिर घोष के एकाधिक ठिकानों पर ईडी की विशेष टीम ने एक साथ छापेमारी शुरू की.
कोयला घोटाला और आर्थिक लेन-देन में अनियमितताएं
सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल और झारखंड सहित कुल 40 स्थानों पर यह तलाशी अभियान एक साथ चल रहा है. कोलकाता के साल्ट लेक में नारायण खड़का और धनबाद में ईडी की छापेमारीएल.बी. सिंह और कुम्भनाथ सिंह दोनों सगे भाई हैं और एक नामी कोयला आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक हैं. भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की कोयला खदानों में कोया निकासी का ठेका इन्हीं कारोबारियों के पास है. कोयला घोटाला और आर्थिक लेन-देन में कई तरह की अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में ही यह छापेमारी की जा रही है.
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दस साल पहले भी चलाया था अभियान
गौरतलब है कि करीब दस साल पहले भी बीसीसीएल में टेंडर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई और ईडी ने एलबी सिंह के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया था. उस समय केंद्रीय जांच दल पर गोली और बम चलाने का भी आरोप एलबी सिंह पर लगा था.ईडी की नई छापेमारी से पूरे धनबाद में हड़कंप मच गया है और क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. नारायण खड़का के ठिकानों पर 2023 में भी ईडी ने जांच अभियान चलाया था. पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर मे ED की टीम बिधान नगर के सलानपुरिया में कोयला कारोबारी सुशांत गोस्वामी और नारायण खड़का के घर पर पहुंच गई है, जहां सुबह 5 बजे से छापेमारी चल रही है, घर के बाहर केंद्रीय बलों की टीम तैनात है और घर के अंदर ईडी की टीम जांच कर रही है और कोयला वेपार से जुड़ी कई दस्तावेजों को खंगाल रही है.
अवैध कोयला सिंडीकेट कार्यालय में भी ईडी की छापेमारी
पश्चिम बंगाल आसनसोल के मैथन स्थित बंगाल और झारखंड सीमावर्ती क्षेत्र डिबुडीह चेकपोस्ट पर कोयला सिंडीकेट के कार्यालय पर भी ईडी की छापेमारी चल रही है, बताया जा रहा है कि झारखंड से बंगाल आने वाली तमाम कोयले से लदी वाहनों से यह सिंडीकेट वहां 5000 रुपये वसूल करता था, तभी उन वाहनों की बंगाल मे इंट्री मिलती थी, पैसे नही देने वालों के वाहनों को वापस झारखंड भेज दिया जाता था, बताया यह भी जा रहा है कि पश्चिम बंगाल से लेकर झारखंड के तमाम कोयला कारोबारी एक दूसरे के साथ मिलकर अवैध कोयला कारोबार का सिंडीकेट चला रहे थे।
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