CM Mamata Benerjee Delhi visit: CM ममता बनर्जी का अगले सप्ताह होने वाला दिल्ली दौरा अहम क्यों है? इसे लेकर विपक्ष में अभी से माथा पच्ची शुरू हो गई है। बंगाल के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को इस संबंध में पत्र भेजा गया है, जिसमें 10 जून को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक की मांग की गई है। राज्य सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक, यदि पीएमओ से समय मिलता है तो सीएम बनर्जी 9 जून की रात दिल्ली के लिए रवाना होंगी। दिल्ली प्रवास के दौरान ममता बनर्जी संसद के दोनों सदनों में मौजूद तृणमूल सांसदों से भी मुलाकात कर सकती हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि इस यात्रा के दौरान उनकी किसी भी भारतीय गठबंधन के नेता से मुलाकात की संभावना नहीं है।
लंबित पड़े केंद्रीय फंड पर करनी है चर्चा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत राज्य को लंबित पड़े केंद्रीय फंड पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में ममता बनर्जी लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साधती रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसी विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्य सरकार को करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये का बकाया अब तक नहीं मिला है। बकाया राशि को लेकर यह ममता बनर्जी की एक और बड़ी पहल मानी जा रही है।
9 जून को दिल्ली जाने की संभावना
प्रधानमंत्री कार्यालय से समय मिलते ही मुख्यमंत्री ममता 9 जून की रात को कोलकाता से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी। सूत्र बताते हैं कि ममता बनर्जी दो दिन तक दिल्ली में रहेंगी। इस दौरान मुख्यमंत्री पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान केंद्र सरकार की सरकारी योजनाओं से मिले रही मदद के मुद्दे को उठा सकती हैं। आरोप है कि केंद्र की योजनाओं के पैसे देने में बंगाल के साथ भेदभाव हो रहा है।
बंगाल का 1.70 लाख करोड़ रुपये बकाया
गौरतलब है कि केंद्र की सरकारी योजनाओं के 1.70 लाख करोड़ रुपये बंगाल के बकाया हैं। पहले भी 100 दिनों के काम के लिए पैसे की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस दिल्ली में प्रदर्शन कर चुकी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद और उनकी पार्टी केंद्र सरकार पर सरकारी योजनाओं के पैसे न देने का आरोप लगाती रही है। इस मुद्दे पर ममता बनर्जी रेड रोड पर धरने पर भी बैठी थीं। बाद में राज्य सरकार ने 100 दिन के काम और आवास योजना के लिए राशि उपलब्ध करवाई। केंद्र की योजनाओं के पैसे के लिए राज्य पैसा देंगे तो यहां का खजाना खाली होगा।