Uttar Pradesh Greater Noida News (जुनेद अख्तर): ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ने को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इन दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एक इंटरचेंज का निर्माण किया जा रहा है। कैबिनेट से इस इंटरचेंज को जोड़ने की मंजूरी मिल गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस इंटरचेंज पर वाहनों को कोई टोल नहीं देगा होगा।
NHAI ने शुरू किया काम, दिसम्बर में होगा पूरा
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है हालांकि यहां पर NHAI के द्वारा पहले से ही काम शुरू कर दिया गया है। यह इंटरचेंज यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर जगनपुर-अफजलपुर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। कुल 60 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाले इस इंटरचेंज की लागत करीब 270 करोड़ रुपये है। सीईओ ने बताया कि 2025 के अंत तक इंटरचेंज के काम को पूरा करने का प्रयास है
चार राज्यों का सफर होगा आसान
आठ लूप्स वाले इस इंटरचेंज में चार लूप उतरने और चार लूप चढ़ने के लिए होंगे। इससे गाड़ियों को इंटरचेंज से प्रवेश या निकासी में ट्रैफिक जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं इससे जेवर एयरपोर्ट और अन्य विकासशील क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके। इससे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाले शहरों के बीच ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी और ईंधन व समय की बचत भी होगी।
लोगों को नहीं देना होगा टोल
यमुना अथॉरिटी सीईओ ने बताया कि इस इंटरचेंज को NHAI के द्वारा बनाया जा रहा है। इस इंटरचेंज पर अलग से टोल नहीं वसूला जाएगा, लेकिन यमुना एक्सप्रेसवे या ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर चढ़ने-उतरने पर पहले से लागू टोल दरें लागू रहेंगी। यानी यात्रियों पर इंटरचेंज का उपयोग करने पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
किसानों को भी मिला फायदा
सीईओ ने बताया कि इस परियोजना के लिए जरूरी जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है। 77 किसानों को उनकी जमीन के बदले 7% आबादी भूखंड दिए जा चुके हैं, जबकि 60 किसानों को मार्च में भूखंड आवंटित कर दिए गए थे। इंटरचेंज निर्माण में अब कोई बड़ी अड़चन नहीं बची है।
20 किलोमीटर का चक्कर होगा खत्म
मथुरा और आगरा की ओर से आने वाले यात्रियों को अब ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के लिए लंबा 20 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इससे उनका समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। साथ ही, दुहाई और डासना की ओर से आने वाले वाहन भी इस नए इंटरचेंज के बनने के बाद सीधे यमुना एक्सप्रेसवे तक पहुंच सकेंगे।