जुनेद अख्तर
ग्रेटर नोएडा को साफ-सुथरा और स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। अब यहां गीले कूड़े से बायो-CNG गैस बनाई जाएगी जिसे गाड़ियों में फ्यूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है जिसने प्लांट का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है।
बायो-CNG प्लांट से बदलेगी शहर की तस्वीर
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने गीले कूड़े के निपटारे के लिए बड़ा कदम उठाया है। रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को 11.5 एकड़ जमीन अस्तौली गांव में 25 साल की लीज पर दी गई है। इस जमीन पर कंपनी हर दिन 300 टन गीले कूड़े को प्रोसेस करके बायो-CNG बनाएगी। इससे ना सिर्फ शहर साफ रहेगा, बल्कि एनवायरनमेंट को भी फायदा होगा।
रॉयल्टी से अथॉरिटी को होगी कमाई
इस योजना का एक और बड़ा फायदा यह है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को कूड़े के प्रोसेसिंग के बदले 225 रुपये प्रति टन की रॉयल्टी भी मिलेगी। यानी शहर साफ करने के साथ-साथ अथॉरिटी की तिजोरी भी भरेगी। इस प्रोजेक्ट में अथॉरिटी को कोई खर्च नहीं करना है जिससे यह एक फायदे का सौदा बन गया है।
— uday sodhi (@udaysodhi26) April 11, 2025
डेढ़ साल में होगा प्लांट तैयार
इस बायो-CNG प्लांट को तैयार होने में लगभग डेढ़ साल का वक्त लगेगा। प्लांट पूरी तरह बनने के बाद प्रतिदिन 300 टन कूड़ा प्रोसेस किया जाएगा। इसका सीधा फायदा ये होगा कि ग्रेटर नोएडा की गार्बेज डिस्पोजल की समस्या काफी हद तक सुलझ जाएगी और फ्यूल के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
वाहनों को मिलेगा सस्ता और स्वदेशी फ्यूल
इस प्लांट से बनने वाली बायो-CNG गैस को वाहनों में फ्यूल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी और लोगों को सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प मिलेगा। साथ ही, यह कदम ग्रीन एनर्जी की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।