Dara Singh Chauhan: समाजवादी पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए दारा सिंह चौहान (Who is Dara Singh Chauhan) पर मऊ में स्याही फेंकी गई थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। ये नाम इस समय चर्चाओं में है, हालांकि कुछ समय पहले ही दल-बदल की राजनीति के चलते ये सुर्खियों में आ चुके हैं। जानते हैं कि कौन हैं दारा सिंह चौहान?
आजमगढ़ में जन्मे
दारा सिंह चौहान उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। इनका जन्म 25 जुलाई 1963 को आजमगढ़ के गलवारा गांव में हुआ। दारा सिंह ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई माध्यमिक शिक्षा परिषद से ही पूरी की। परिवार की बात करें तो दारा सिंह चौहान की पत्नी का नाम दिशा चौहान है। इनके 4 बच्चें (दो बेटी और दो बेटा) हैं।
इस तरह रखा राजनीति में कदम
दारा सिंह चौहान ने साल 1996 में राजनीति में कदम रखा। बहुजन समाज पार्टी की ओर से दारा सिंह चौहान को साल 1996 में पहली बार राज्यसभा भेजा गया था। इसी के साथ उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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दारा सिंह चौहान का दल-बदल दौर
दारा सिंह चौहान ने राज्यसभा का 4 साल का कार्यकाल पूरा होते ही सपा का दामन थाम लिया। इसके बाद वो साल 2000 में सपा की ओर से फिर राज्यसभा सांसद बने। साल 2007 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दारा सिंह चौहान वापस से बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए।
उन्होंने बसपा की टिकट पर ही 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद साल 2015 में दारा सिंह चौहान ने भाजपा जॉइन की। साल 2022 में भाजपा को छोड़कर फिर से सपा का हाथ थमा, लेकिन ये साथ ज्यादा दिन तक चल नहीं पाया। दारा सिंह ने इसी साल जुलाई 23 में विधायक पद और सपा की सदस्यता से इस्तीफा देकर फिर भाजपा से जुड़ गए।
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भाजपा से दोस्ती
साल 2014 के चुनाव के बाद केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी। लोगों के बीच भाजपा की लोकप्रियता को देखते हुए दारा सिंह चौहान ने पार्टी से दोस्ती बढ़ाना शुरू किया। इसके बाद वो साल 2015 में भाजपा में शामिल हो गए। उसी साल भाजपा ने उन्हें पिछड़ी जाति प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया।
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में दारा सिंह चौहान ने भाजपा की टिकट पर मधुबन सीट से चुनाव लड़ा और जीते। इसी के साथ दारा सिंह चौहान योगी सरकार के मंत्रीमंडल का हिस्सा बने। राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री का पद संभाला।
योगी सरकार में 5 साल तक मंत्री पद पर काम करने बाद 2022 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा छोड़ दी और सपा में शामिल हो गए। विधानसभा चुनाव 2022 में दारा सिंह ने सपा की टिकट पर घोषी सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, लेकिन एक साल बाद ही उन्होंने फिर से सपा को छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए।