Uttarakhand Weather Effect: उत्तराखंड में लगातार बिगड़ रहे मौसम से कई बड़े संकट खड़े होने की आशंका है। भारी बर्फबारी और बारिश के कारण पहाड़ों के ऊपरी इलाकों में सेब की खेती प्रभावित हुई है। अब उत्तराखंड के श्रीनगर में मौसम की मार सीधे तौर पर हिमालय क्षेत्र में पैदा होने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियों को भी प्रभावित करती दिखाई दे रही है।
बेशकीमती हैं हिमालय क्षेत्र में मिलने वाली जड़ी-बूटियां
समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने चिंता जताई कि अगर मौसम की मार इसी तरह से जारी रही तो कई बेशकीमती जड़ी-बूटियां विलुप्त होने के कगार पर पहुंच जाएंगी। हाई पीक प्लांट रिसर्च सेंटर के निदेशक प्रोफेसर एमसी नौटियाल ने एएनआई को बताया कि हिमालय सदियों से औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटियों का भंडार रहा है।
बारिश और बर्फबारी से तापमान में आई कमी
प्रोफेसर नौटियाल ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन का असर इन जड़ी-बूटियों पर देखा जा रहा है। मई के महीने में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बारिश और भारी बर्फबारी औषधीय पौधों के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा, इस बार बर्फबारी, बारिश व ओलावृष्टि के कारण अप्रैल और मई में क्षेत्र के तापमान में काफी कमी देखी गई है, जिससे इन औषधीय पौधों का विकास धीमा हो रहा है।
औषधीय पौधों में बीज बनने की प्रक्रिया धीमी हुई
हाई पीक प्लांट रिसर्च सेंटर के दूसरे वैज्ञानिक डॉ. विजयकांत पुरोहित ने कहा कि अगर इन जड़ी-बूटियों का विकास धीमा रहेगा, तो बीज बनने की प्रक्रिया भी कम हो जाएगी, जिसके कारण औषधीय जड़ी-बूटियों पर संकट गहराएगा। उन्होंने कहा कि इन जड़ी-बूटियों की खेती करने वाले किसान सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। हिमालय की बेशकीमती संपदा भी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच जाएगी।
मौसम विभाग ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट
बता दें कि इससे पहले सोमवार को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। राज्य के ऊंचे इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि, जबकि मैदानी इलाकों में गरज के साथ बारिश की आशंका जताई थी। आईएमडी ने उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग में भारी बारिश और बागेश्वर, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में हल्की बारिश की चेतावनी जारी की थी।