Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) का जोशीमठ (Johsimath) अपनी लाचारी पर रो रहा है। जमीन धंसने के बाद आठ सौ से ज्यादा मकानों और इमारतों में खतरनाक दरारें आ चुकी हैं। प्रशासन इन इमारतों को चिह्नित करने के बाद तोड़ने का काम कर रहा है। वहीं जोशीमठ में पहली बार कुछ ऐसा हुआ कि लोगों की सांसे थम गई हैं। यहां एक घर अपने आप ढह गया है।
दरारों के बाद गिरी छत, धंस गया फर्श
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जोशीमठ के सिंहधार इलाके में एक मकान में आई दरारों (Joshimath Sinking) के बाद उसकी छत गिर गई। इतना ही नहीं मकान का फर्श भी धंसाव के कारण बैठ गया था। बताया गया है कि रविवार को मकान ढह गया। इसके बाद आसपास के आवासीय मकानों के लिए नया खतरा पैदा हो गया है।
3 जनवरी को खाली करा दिया गया था मकान
हालांकि यहां रहने वाले परिवारों को पहले ही प्रशासन ने एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। मकान मालिक दिनेश लाल को यहां से 3 जनवरी को शिफ्ट कराते हुए मकान को खाली करा दिया गया था। बताया गया है कि अभी जिस मकान में उन्होंने शरण ली है, उसमें भी दरारें आ गई हैं।
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Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami reviewed the Joshimath disaster relief/rescue works and the current situation with officers at the State Secretariat. Chief Secretary Dr SS Sandhu was also present in the meeting. pic.twitter.com/NXYsUZFXS4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 23, 2023
सीएम ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ की बैठक
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सचिवालय में अधिकारियों के साथ जोशीमठ आपदा के हालातों की जानकारी के साथ राहत एवं बचाव कार्यों व वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू भी मौजूद थे।
मवेशियों की सता रही चिंता
सिंहधार की रहने वाली विश्वेश्वरी देवी ने बताया कि उनके घर में दरारें आने के बाद प्रशासन ने उन्हें एक शिविर में शिफ्ट कर दिया है, लेकिन गौशाला धंसने के बाद भी उनके मवेशियों के लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि वह दिन में किसी तरह अपनी दो गायों और दो बछड़ों की देखभाल करती है, लेकिन रात में उनके साथ कुछ हो जाने का डर सताता है।
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सामने आया दर्दनाक पहलु
इस आपदा में एक दर्दनाक पहलु भी सामने आया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लोग अपने मूल स्थान को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि हम यहीं जन्मे, यहीं बड़े हुए अब हमें किसी और स्थान पर भेजा रहा है। इस घटनाक्रम को लेकर लोगों का दिल बैठा हुआ है।
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