Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath Sinking) में संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कल्बे में जमीन के धंसाव को देखते हुए आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट समेत केंद्र और राज्य सरकार की करीब आठ एजेंसियों को अध्ययन में लगाया गया है। इसके अलावा जिला प्रशासन लोगों के पुनर्वास में लगाया गया है। जिला प्रशासन ने अब एक सुरक्षित गांव की तलाश की है।
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Joshimath, Uttarakhand | DM Himanshu Khurana conducted an on-the-spot inspection of the land identified in village Dhaka regarding the displacement of Joshimath disaster-affected people pic.twitter.com/auVE7ILi5I
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 22, 2023
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जिलाधिकारी ने मौके पर जाकर देखा स्थान
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि जोशीमठ से विस्थापित लोगों को यहां के एक सुरक्षित गांव ढाका में स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। आरडब्ल्यूडी को ढाका में जमीन का कंटूर नक्शा जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। प्रभावित लोगों से सुझाव लेकर सीबीआरआई की ओर से विस्थापन की विस्तृत योजना तैयार की जा रही है।
Joshimath, Uttarakhand | So far 863 buildings have been identified by the district administration where cracks have been found due to land subsidence. Out of this, 181 buildings have been placed in the unsafe zone: DM pic.twitter.com/28FuzeTsb8
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 22, 2023
लगातार बढ़ रही दरके मकानों की संख्या
इसी क्रम में चमोली डीएम ने जोशीमठ के ढाका गांव में चिह्नित जमीन का मौके पर निरीक्षण किया। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि अब तक 863 भवनों की पहचान की जा चुकी है। जहां भू-धंसाव के कारण दरारें पाई गई हैं। इसमें से 181 भवनों को असुरक्षित जोन में रखा गया है।
इतने बिजली के खंभे झुके
ताजा जानकारी के मुताबिक जोशीमठ में करीब 70 बिजली के खंभे और कुछ ट्रांसफार्मर झुकना शुरू हो गए हैं। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। जोशीमठ में संभावित बिजली आपूर्ति की समस्या से निपटने के लिए काम किया जा रहा है। UPCL के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि 33/11kv क्षमता का एक सब-स्टेशन पानी के रिसाव वाली जगह से लगभग 50 मीटर की दूरी पर स्थित है।
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