Haldwani: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की भूमि से कब्जाधारियों (Haldwani Land Encroachment) को हटाने वाले उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर 8 हफ्तों के लिए रोक लगा दी है। यानी रेलवे की इस भूमि से अब 8 हफ्तों तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
सलमान खुर्शीद ने कहा, हमें पहले ही राहत मिली
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने यहां रहने वाले लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था पर काम करने और रेलवे की आवश्यकता पर विचार करने के लिए अधिकारियों ने 8 सप्ताह का समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। उधर सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमें पहले ही अदालत से राहत मिल चुकी है। अब हमें और समय मिल गया है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
29 एकड़ जमीन पर हैं 4,365 कब्जेधारीः रेलवे
जानकारी के अनुसार रेलवे की ओर से दावा किया गया था कि लोगों ने उनकी 29 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है। साथ ही कहा गया था कि यहां 4,365 अतिक्रमणकारी हैं। रेलवे की ओर से इस मामले को लेकर स्थानीय समाचार पत्रों में लगातार विज्ञापन प्रकाशित कर रहा था। बाद में स्थानीय लोगों की ओर से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।
लोगों ने सुप्रीमकोर्ट का खटकाया था दरवाजा
इसके लोगों ने सुप्रीम कोर्ट को दरवाजा खटकाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां रहने वाले लोगों ने अपनी याचिका में कहा था कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने तथ्यों की जानकारी होने के बाद भी आदेश पारित किया है। लोगों ने कहा कि इस संबंध में कार्यवाही जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित है। इसके बाद भी आदेश पारित किया गया है।.
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स्थानीय लोगों ने किया था ये दावा
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यहां रहने वाले लोगों ने कहा था कि रेलवे के अधिकारियों ने यहां 7 अप्रैल 2021 की कथित तौर पर सीमांकन की बात कही थी। जबकि यह एक खोखला दावा था। किसी भी प्रकार का सीमांकन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनके पास वैध दस्तावेज हैं जो स्पष्ट रूप से उनके दावा को प्रमाणित करता है।
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