---विज्ञापन---

उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

‘बगल में लाश, सिर में चोट, पैर में फ्रैक्चर’, Chamoli Avalanche में जिंदा बचे शख्स की खौफनाक आपबीती

Uttarakhand Chamoli Avalanche Horrible Story: उत्तराखंड के चमोली जिले में एवलांच से जिंदा बचे लाेगों ने हादसे की आंखोंदेखी आपबीती सुनाई है, जो काफी चौंकाने और डराने वाली है। करीब 50 लोग जिंदा बचाए गए हैं, जिनके लिए 60 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Mar 3, 2025 12:05
Uttarakhand Chamoli Avalanche
60 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बचाई गई 50 जानें।

Chamoli Avalanche Survivor Horrible Story: उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र माना गांव के पास 28 फरवरी की सुबह हिमस्खलन (Avalanche) हुआ था। ग्लेशियर टूटने से आए बर्फीले तूफान से बर्फ में सीमा सड़क संगठन (BRO) से बड़ा हादसा हो गया है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 58 मजदूर दब गए थे, जिनमें से 50 मजदूरों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया, लेकिन 8 मजदूरों की जान चली गई।

करीब 60 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला। इस दौरान बचाए गए मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाई तो रौंगटे खड़े हो गए। एक मजदूर जगबीर सिंह करीब 25 घंटे बर्फ में दबा रहा और जिंदा रहा। उसने रेस्क्यू किए जाने के बाद बताया कि जब आंख खुली तो उसने क्या मंजर देखा और कैसे वह एक खोखे में छुपकर और बर्फ खाकर जिंदा रहा।

---विज्ञापन---

 

करीब 25 घंटे कड़ाके की ठंड में बिताए

अमृतसर निवासी जगबीर सिंह ने बताया कि जब वह होश में आया तो चारों ओर सफेद चादर थी। उसने बगल में अपने सहकर्मी की लाश देखी तो वह सहम गया। उसका शरीर बर्फ के ढेर में फंसा हुआ था। उसके एक पैर में फ्रैक्चर था और सिर पर चोट लगी थी। जहां वह फंसा था, वहां कुछ दूरी पर एक खोखा था, जहां वह रेंगकर पहुंचा और वहां करीब 25 घंटे बिताए।

प्यास लगने पर बर्फ खाई और कड़ाके की ठंड से जूझता रहा। उसके पास सिर्फ एक कंबल था, जिसे आस-पास पनाह लिए लोग भी शेयर कर रहे थे। शुक्रवार की सुबह उत्तराखंड के चमोली जिले के ऊंचाई वाले गांव माना में बने शिविर में अपने कंटेनर में सो रहे थे कि हिमस्खलन हो गया और वे बर्फीले तूफान के कारण कई सौ मीटर नीचे गिर गए।

 

3 से 4 फीट बर्फ में दबे थे सभी मजदूर

ज्योतिर्मठ के सैन्य अस्पताल में लाए गए हिमस्खलन पीड़ितों ने भी आपबीती सुनाई। उत्तरकाशी के मनोज भंडारी ने बताया कि तूफान इतना भयंकर था कि उसने कंटेनरों को सिर्फ 10 सेकंड में 300 मीटर नीचे लुढ़का दिया। कुछ देर के लिए बेहोश हो गया, फिर अहसास हुआ कि भागना असंभव है, क्योंकि चारों ओर 3-4 फीट बर्फ थी। किसी तरह बर्फ में नंगे पैर चलकर सेना के खाली गेस्ट हाउस में शरण लेने पहुंचे। बचाव दल 2-3 घंटे बाद आया।

वहीं बिहार के वैशाली जिले के मुन्ना प्रसाद ने बताया कि सभी कंटेनर लुढ़ककर अलकनंदा नदी की ओर चले गए थे। करीब 12 घंटे तक बर्फ में दबे रहे। बर्फ नथुने बंद कर रही थी और सांस लेना मुश्किल हो रहा था। बिहार के अविनाश कुमार ने बताया कि उनका पूरा शरीर बर्फ में दब गया था। उनके सिर से खून बह रहा था। 2 घंटे बाद सेना के जवानों ने बचाया। उनके सिर में 29 टांके लगे।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रहने वाले चंद्रभान, हिमाचल प्रदेश के विपिन कुमार, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ निवासी गणेश कुमार, मुरादाबाद के विजयपाल ने भी आपबीती सुनाई।

 

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Mar 03, 2025 11:50 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें