Uttarakhand News: उत्तराखंड के जोशीमठ में आई प्राकृतिक आपदा (जमीन धंसाव) से प्रभावित लोगों को अभी तक राहत नहीं मिली है। इसी क्रम में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति (जेबीएसएस) ने प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें कहा है कि यदि 27 अप्रैल से पहले प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे।
27 अप्रैल को खुलेंगे बद्रीनाथ की कपाट
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतुल सती ने एएनआई को बताया कि 27 अप्रैल को भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने हैं। ऐसे में अगर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने जोशीमठ में ट्रैफिक जाम किया तो यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का जारी है धरना
जानकारी के मुताबिक जोशीमठ तहसील परिसर में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का धरना जारी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने 2 अप्रैल को कहा था कि जोशीमठ में भूमि धंसाव के कारण बेघर हुए परिवारों को 30 अप्रैल तक होटलों या अस्थायी शिविरों से खाली करने के लिए नहीं कहा जाएगा।
#WATCH | Joshimath Bachao Sangharsh Samiti (JBSS) is protesting since 3 months, but no action is taken by govt. We've handed over a memorandum to administration that if our demands aren't fulfilled before 27th April, we will hold a protest in Joshimath: Atul Sati, President, JBSS pic.twitter.com/sGZJ7Nacl3
---विज्ञापन---— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 7, 2023
181 परिवार अभी भी ठहरे हैं होटलों और गेस्टहाउस में
सरकार ने मामले पर जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर विचार करते हुए समय सीमा 31 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल की थी। इसके अलावा जिन होटलों, लॉज या होमस्टे में परिवार रहते हैं, वहां भुगतान का भी ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न होटलों, धर्मशालाओं और होमस्टे में 181 परिवारों के 694 सदस्य रह रहे हैं। इससे पहले होटल मालिकों ने अल्टीमेटम देकर होटलों में प्रभावित लोगों से 31 मार्च तक कमरे खाली करने को कहा था।
आपदा से 863 भवनों में आई थी दरार
इसके बाद जिला प्रशासन ने कहा कि उन्होंने समय सीमा बढ़ाने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। इससे पहले 28 जनवरी को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने जानकारी दी थी कि दरार वाले भवनों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है। आपदा के कारण अब तक 863 भवनों में दरारें देखी गई हैं।
3000 परिवारों के लिए राहत पैकेज का किया था ऐलान
जोशीमठ में कई घरों में दरारें दिखाई देने के बाद सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत केंद्रों में शिफ्ट किया गया था। उत्तराखंड सरकार पहले ही जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए करोड़ों रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है। जनवरी में मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि हिमालयी राज्य में क्रमिक भूमि धंसाव से प्रभावित लगभग 3,000 परिवारों के लिए राहत पैकेज जारी किया जाएगा।