उत्तर प्रदेश में अब सफर और भी आसान और तेज होने जा रहा है। सरकार ने राज्य भर में 9 नए एक्सप्रेसवे बनाने की बड़ी योजना तैयार की है, जिससे हर छोटे-बड़े शहर की कनेक्टिविटी पहले से बेहतर होगी। इन सड़कों के बनने से लोग कम समय में लंबी दूरी तय कर सकेंगे और व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी नया बढ़ावा मिलेगा। लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ये एक्सप्रेसवे राज्य के विकास की नई रफ्तार बनेंगे। आइए जानते हैं कौन-कौन से नए एक्सप्रेसवे बनेंगे और इससे आम जनता को क्या-क्या फायदे होंगे।
यूपी में 9 नए एक्सप्रेसवे की बड़ी योजना
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में तेज रफ्तार और बेहतर सड़क कनेक्टिविटी के लिए बड़ी योजना पर काम कर रही है। इसी कड़ी में अब राज्य में 9 नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे, जिन पर करीब 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 2063 किलोमीटर होगी। इन एक्सप्रेसवे से राज्य के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, मेरठ, कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर को आपस में और बेहतर ढंग से जोड़ा जाएगा। यह जानकारी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के CEO अवनीश अवस्थी ने दी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य में औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी और यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक सफर मिलेगा।
यूपीडा और NHAI मिलकर करेंगे निर्माण
इन 9 प्रस्तावित एक्सप्रेसवे में से 7 को यूपीडा और 2 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) बनाएगा। यूपीडा के अधिकारी ने बताया कि सरकार इन परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए ठोस रणनीति बना चुकी है और समय पर काम पूरा करने की प्राथमिकता दी जा रही है। इन नए एक्सप्रेसवे में लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे (49.96 किमी), फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे (90.84 किमी), जेवर लिंक एक्सप्रेसवे (74.30 किमी), झांसी लिंक एक्सप्रेसवे (118.90 किमी), विंध्य एक्सप्रेसवे (320 किमी), मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे (120 किमी), चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे (70 किमी), गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (519 किमी) और गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (700 किमी) शामिल हैं।
गोरखपुर से जुड़े दो बड़े एक्सप्रेसवे होंगे खास
गोरखपुर से सिलीगुड़ी और गोरखपुर से शामली तक बनने वाले दो बड़े एक्सप्रेसवे को NHAI द्वारा बनाया जाएगा। ये दोनों लंबे रूट राज्य को पूर्वोत्तर और पश्चिमी भारत से जोड़ने में मदद करेंगे। बाकी सात एक्सप्रेसवे यूपीडा के माध्यम से बनाए जाएंगे। जब ये सभी एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएंगे, तब राज्य में एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 4374 किलोमीटर हो जाएगी, जो देश में एक बड़ा रिकॉर्ड होगा। इससे प्रदेश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों को भी बड़ी राहत मिलेगी और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
अभी तक बने एक्सप्रेसवे और उनका योगदान
फिलहाल उत्तर प्रदेश में 7 बड़े एक्सप्रेसवे पहले से ही चालू हैं, जिनकी कुल लंबाई 1224.53 किलोमीटर है। इनमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (24.53 किमी), यमुना एक्सप्रेसवे (165 किमी), आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (302 किमी), पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (341 किमी), बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (296 किमी), और मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे (96 किमी) शामिल हैं। इन सड़कों ने पहले ही यातायात को आसान बनाया है और अब नए एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश देश के सबसे बेहतरीन कनेक्टिविटी वाले राज्यों में शामिल हो जाएगा।