Uttar Pradesh News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष को झटका देते हुए संभल की जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई की इजाजत दे दी है। 12 मार्च बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मस्जिद कमेटी मस्जिद की बाहरी दीवारों में रंगाई-पुताई करवा सकती है, वहीं रमजान के दौरान मस्जिद में लाइटिंग करवा सकती है, लेकिन ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। उधर होली को लेकर संभल प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। जिसमें जिले की 10 मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का आदेश जारी किया गया है। इसमें विवादित शाही मस्जिद भी शामिल है।
मामले में संभल के एएसपी ने कहा कि धार्मिक स्थलों को आपसी सहमति से ढका जाएगा। यह फैसला होली पर निकाले जाने वाले चौपाइयों के जुलूस को देखते हुए लिया गया है। जुलूस रूट के दौरान पड़ने वाले सभी मस्जिदों को ढका जाएगा।
मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन की सिंगल बेंच ने की। बता दें कि मामले में मस्जिद कमेटी ने 25 फरवरी को याचिका दायर की थी। मस्जिद कमेटी के वकील ने दायर याचिका में कहा कि हम लोग हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई करते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है। हिंदू पक्ष रंगाई पुताई का विरोध कर रहा है। उनका कहना था कि रंगाई-पुताई से मंदिर के सबूत मिटाए जा सकते हैं। इसलिए परमिशन नहीं दी जाए।
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कोर्ट ने एएसआई को लगाई फटकार
सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित रंजन ने एएसआई के वकील से कहा कि आपकी रिपोर्ट क्या है? सिंह ने कहा कि मस्जिद कमेटी ने कई सालों तक सफेदी कराई है, जिसके कारण ढांचे की बाहरी दीवारों को नुकसान पहुंचा है। इस पर जस्टिस ने कहा कि आप इतने साल से क्या कर रहे थे? एएसआई ने कहा कि हमने एफआईआर दर्ज करवाई है। जस्टिस ने कहा कि आप 2010 में कहां थे, 2020 में कहां थे? आपने कहा कि कई सालों से मस्जिद कमेटी सफेदी करती आई है। हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।
जस्टिस अग्रवाल ने हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन से कहा कि हवा में बहस नहीं होती है। एडवोकेट जनरल यहां पर हैं, उनसे कहिए कि मस्जिद कमेटी को नोटिस दें।
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