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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

15 दिन के बच्चे को फ्रिज में रखकर भूली मां, चीख सुनकर परिवार के उड़े होश! चौंका देगा कारण

Moradabad News: मुरादाबाद में एक मां ने अपने 15 दिन के नवजात को फ्रिज में डाल दिया। कुछ देर बाद बच्चे की रोने की आवाज सुनकर परिजनों ने उसे बचाया और अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, बच्चा सुरक्षित है मगर मां के इस कृत्य का कारण क्या है? जानिए।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Sep 8, 2025 13:48

Moradabad News: मां और बच्चे का रिश्ता अटूट होता है। दुनिया में बच्चे को कोई भी नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन मां नहीं। पर क्या हो जब मां ही बच्चे की जान की दुश्मन बन जाए? मुरादाबाद की एक महिला ने अपने 15 दिन के बच्चे के साथ कुछ ऐसा किया जो सबके होश उड़ा देगा। दरअसल, मां ने अपने बच्चे को फ्रिज में डाल दिया था। बता दें कि मां मानसिक रोग से ग्रस्त है और उसकी बीमारी कोई जन्मजात रोग नहीं बल्कि डिलीवरी के बाद होने वाले साइड-इफेक्ट वाली बीमारी है। इसका नाम पोस्ट पार्टम साइकोसिस बताया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

महिला की 15 दिन पहले ही डिलीवरी हुई थी। उसने शुक्रवार के दिन अपने नवजात बच्चे को फ्रिजर में डाल दिया था। बच्चा लंबे समय तक अंदर था, जिसके बाद वह रोने लगा। उसके रोने की आवाज सुनकर घर के बाकी लोगों ने बच्चे की खोज की तो वह फ्रिज में मिला। परिवार ने तुरंत बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया। हालांकि, राहत की बात ये थी कि बच्चे को समय पर बाहर निकाल लिया गया था, जिस वजह से उसकी जान बच गई थी।

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मानसिक रोगी है मां

परिवार वाले और इलाके के लोग महिला की इस हरकत को देख हैरान रह गए है। इसके बाद काफी लोगों का मानना था कि ये कोई अंधविश्वासी कदम हैं लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, मां की मनोस्थिति बिगड़ने से ऐसा हुआ है। और इसकी वजह भी गर्भावस्था के बाद जब मां बच्चे को डिलीवर करती है, उसके बाद पैदा होती है। यह एक दुर्लभ रोग होता है, जिसमें मां अपने बच्चे को और खुद को नुकसान पहुंचाने लगती है।

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कैसी बीमारी है पोस्ट पार्टम साइकोसिस?

इस बीमारी को दुर्लभ माना जाता है। ऐसा हर मां के साथ नहीं होता है, डॉक्टरों के मुताबिक, प्रसव के बाद महिला के शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस बहुत तेजी से होता है। इसमें वह बहुत अक्रामक प्रवृत्ति की हो जाती है। ऐसे में वह कई बार खुद को या अपने ही बच्चे को नुकसान पहुंचाती है। इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है क्योंकि ये दोनों के जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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First published on: Sep 08, 2025 01:48 PM

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