उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में शनिवार को आयोजित ‘कुर्मी महाकुंभ’ में कांग्रेस नेता तरुण पटेल ने विवादित बयान दिया था। तरुण पटेल ने अयोध्या में राम मंदिर तोड़ने वाले मुगल तानाशाह बाबर को देश की एकता का सूत्रधार बताया था। सभा को संबोधित करते हुए तरुण पटेल ने कहा कि भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सरदार पटेल के अलावा अकबर, बाबर और शाहजहां की भूमिका रही है। साथ ही उन्होंने राणा सांगा को देशद्रोही बताते हुए कहा कि इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने ही बाबर को आमंत्रित किया था। इसलिए अगर बाबर देशद्रोही हैं तो राणा सांगा भी देशद्रोही हैं।
कौन हैं तरुण पटेल?
तरुण पटेल का पूरा नाम तरुणेन्द्र चंद पटेल है। उनके पिता का नाम श्रीराम चौधरी है। तरुण उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के युवा चेहरा हैं और कुर्मी समुदाय पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। तरुण पटेल यूथ कांग्रेस के मध्य जोन के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने चंदौली सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा और गौरा विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, दोनों में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने यूपी के चंदौली से 2014 में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। उत्तर प्रदेश में किसानो के मुद्दों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाले तरुण पटेल किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि, पार्टी ने उन्हें 6 अगस्त 2021 को इस पद से हटा दिया था। तरुण पटेल जमीनी स्तर पर ओबीसी वर्ग और नौजवानों में खासा लोकप्रिय हैं और पिछले 18 सालों से लगातार कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं। 2022 में तरुण पटेल ने फेसबुक लाइव आकर जाति आधारित जनगणना को अपना समर्थन दिया था। साथ ही 2011 में जातिगत जनगणना में जो आंकड़े लिए गए थे उनको उजागर न करने पर कांग्रेस को भी दोषी माना था।
‘हम अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं’
तरुण पटेल ने कुर्मी महाकुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में 5 लाख के करीब कुर्मी मतदाता हैं, लेकिन राजनीति में उन्हें उचित भागीदारी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि हम अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। जिले में वह खुद को कुर्मी नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। शनिवार को वह कुर्मी महाकुंभ के मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
‘लोग सिंह सिंघाड़ा बने घूम रहे हैं’
उन्होंने कहा कि जिस तरह सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, उसी तरह अकबर, बाबर व शाहजहां ने भी देश की एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि अगर बाबर के वंशज और उनको मानने वाले समर्थक देशद्रोही हैं, तो राणा सांगा के वंशज और उनको मानने वाले समर्थक सबसे बड़े देशद्रोही हैं। तरुण पटेल ने कहा कि अकबर ने अपने साले मान सिंह को खुश करने के लिए सिंह की उपाधि यानी शेर की उपाधि दे दी थी। अब वही सिंह की उपाधि लेकर लोग सिंह सिंघाड़ा बने घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंह होने से कुछ नहीं होता है, सिंह का मतलब होता है कि आप लोगों की रक्षा करें।