उत्तर प्रदेश में गिरफ्तारी और तलाशी के नए नियम लागू किए गए हैं। सोमवार को यूपी DGP राजीव कृष्ण ने इसकी जानकारी साझा की है। DGP मुख्यालय का यह आदेश सभी पुलिस कप्तानों को भेजा गया है और इसके सख्त पालन के निर्देश दिए गए हैं। करीब 16 बिंदुओं पर आधारित यह नई व्यवस्था यूपी में पुलिसिंग को अधिक आधुनिक और संवेदनशील बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
CBI और ED के तर्ज पर होगी करेगी काम
यूपी के नए DGP राजीव कृष्ण राज्य की पुलिस के काम करने का स्वरूप बदल रहे हैं। DGP के आदेश पर अब पुलिस CBI और ED की तर्ज पर काम करेगी। उसी तर्ज पर गिरफ्तारी और तलाशी भी ली जाएगी। हर गिरफ्तारी की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट में गिरफ्तारी का स्थान, समय, कारण, अभियुक्त का बयान, बरामद सामान, मेडिकल जांच की स्थिति और गिरफ्तारी के समय मौजूद दो स्वतंत्र गवाहों के हस्ताक्षर जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख अनिवार्य होगा।
बरामदी का होगा पूरा ब्यौरा
डीजीपी के आदेश के मुताबिक, गिरफ्तारी के दौरान आरोपी से बरामद सभी चीजों का पूरा ब्यौरा कागज में दर्ज करना होगा। इससे कोर्ट में आरोपी के खिलाफ सबूत पेश करने में आसानी होगी। साथ ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी तेजी से हो सकेगी। डीजीपी का कहना है कि नए नियमों के जरिए और बेहतर तरीके से काम कर सकेगी।
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बचेंगे निर्दोष
यूपी में इस नई व्यवस्था से निर्दोष लोग फंसने से बच सकेंगे। इस व्यवस्था के निर्दोष लोग बचेंगे और पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करेगी। नए नियमों के तहत गिरफ्तार लोगों के परिजनों को भी समय पर पूरी जानकारी मिल सकेगी, जिससे अनावश्यक तनाव से राहत मिलेगी।
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जमीनी स्तर पर अपनाएंगे नई व्यवस्था
DGP मुख्यालय का यह आदेश सभी पुलिस कप्तानों को भेज दिया गया है और इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अब देखना यह है कि जमीनी स्तर पर पुलिस अधिकारी इस नई व्यवस्था को किस हद तक अपनाते हैं।