उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में पुलिस मुठभेड़ में सिपाही की हत्या के मामले में विशेष न्यायालय एंटी डकैती कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय नीरज कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले में अन्य 12 आरोपियों को 3-3 साल की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में 8 महिलाएं भी शामिल हैं। कोर्ट ने इन सभी पर 2 लाख 14 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में डकैत घनश्याम केवट समेत 16 आरोपी नामजद थे। डकैत घनश्याम और बैजनाथ की मौत हो चुकी है।
एसओजी सिपाही अभयराज राय को लगी थी गोली
बता दें कि तत्कालीन थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय ने 23 मई 2008 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया गया कि सूचना मिली कि सरधुवा थाना क्षेत्र के सुरवल निवासी पांच हजार रुपये का इनामी बदमाश नान उर्फ घनश्याम केवट अपने रिश्तेदार गोपी केवट के बनकट पुरवा स्थित घर पर छिपा है। थाना पुलिस और एसओजी टीम उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो बदमाशों ने फायरिंग कर दी। इस दौरान एसओजी सिपाही अभयराज राय को गोली लग गई। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
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पुलिस ने इन्हें किया था गिरफ्तार
पुलिस ने बनकट पुरवा निवासी नान केवट के रिश्तेदार बिंदा केवट, जगन्नाथ केवट, शिवऔतार, रामबली, महाबली, रमेश केवट, बैजनाथ केवट, केवली देवी, कल्ली देवी, जयरानी देवी, उषा देवी, कैलाश देवी, सिन्नी देवी, कुमारी बच्ची, चिरौंजी देवी को गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, क्रिमिनल लॉ एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
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डकैत घनश्याम केवट को मुठभेड़ में किया ढेर
इस मामले की विवेचना रैपुरा थाना प्रभारी चिरंजीव मोहन ने की थी। विवेचक ने आरोपियों को जेल भेज दिया था। नामजद बैजनाथ की विवेचना के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि डकैत घनश्याम केवट पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है। आरोपियों के खिलाफ 7 अगस्त 2008 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। शनिवार को इस मामले की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने बिंदा केवट को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।