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रायबरेली में क्या कांग्रेस बचा पाएगी 20 साल पुराना गढ़? या अमेठी की तरह बीजेपी फहराएगी जीत का परचम!

Lok Sabha election 2024: लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी की नजरें कांग्रेस के गढ़ रायबरेली पर हैं। 20 साल से रायबरेली की सांसद रहीं सोनिया गांधी ने अपनी सीट छोड़ दी है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही रायबरेली के लिए मजबूत दावेदार की तलाश में हैं, जिसके चलते रायबरेली के चुनावी मैदान ने काफी दिलचस्प मोड़ ले लिया है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Mar 20, 2024 16:22
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lok sabha election 2024 raibareilly
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Lok Sabha election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 बेहद नजदीक है। पहले चरण की वोटिंग को आज से महज एक महीना बचे हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने अपना गढ़ मजबूत करते हुए कमजोर सीटों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। मगर इस रेस में कांग्रेस काफी पीछे नजर आ रही है। अमेठी हाथ से निकलने के बाद कांग्रेस के पास गढ़ के रूप में सिर्फ रायबरेली बचा था। मगर सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव ना लड़ने का फैसला किया, जिसके बाद यूपी की इस सीट पर कई पार्टियों की नजरें जा टिकी हैं।

रायबरेली से कांग्रेस का रिश्ता

उत्तर प्रदेश के अमेठी और रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। अमेठी से संजय गांधी और राजीव गांधी ने चुनाव लड़ा, तो रायबरेली से फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी ने जीत हासिल की। राजीव गांधी की मौत के बाद सोनिया एक्टिव पॉलिटिक्स का हिस्सा बनीं। लिहाजा अमेठी राहुल गांधी के खाते में गई, तो रायबरेली से सोनिया गांधी संसद के सदन तक पहुंची। सोनिया गांधी ने 2004 में रायबरेली से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और तब से लेकर 2009, 2014 और 2019 में भी सोनिया रायबरेली की सांसद रहीं।

दो बार जीती बीजेपी

गांधी परिवार की मौजूदगी में कभी कोई दूसरी पार्टी रायबरेली से नहीं जीत सकी। मगर राजीव गांधी की मौत के बाद सोनिया काफी समय तक राजनीति से दूर रहीं। इसी बीच 1996 और 1998 के आम चुनावों में बीजेपी नेता अशोक सिंह ने रायबरेली से जीत हासिल की थी। मगर सोनिया गांधी की वापसी के बाद से रायबरेली हमेशा कांग्रेस के पास ही रही।

2019 में छिनी अमेठी

2014 के आम चुनावों के दौरान देश में मोदी लहर आई। दिल्ली की गद्दी से बेशक कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया। मगर मोदी लहर अमेठी और रायबरेली को नहीं भेद पाई। 2014 का अधूरा काम 2019 में पूरा हुआ। नतीजतन बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी से अमेठी छीन ली और राहुल ने केरल के वायनाड से खाता खोला। हालांकि रायबरेली हमेशा से सोनिया के पास रही और बीजेपी चाहकर भी कांग्रेस के इस किले को तोड़ ना सकी।

सोनिया ने छोड़ी सीट

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले 20 सालों से रायबरेली की गद्दी पर बतौर सांसद काबिज थीं। मगर आगामी लोकसभा चुनावों से पहले ही सोनिया ने रायबरेली को छोड़कर राज्यसभा का रुख कर लिया और रायबरेली की सीट अब खाली हो गई। ऐसे में कई लोगों की नजरें रायबरेली पर हैं। कांग्रेस ने रायबरेली से कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है। तो वहीं बीजेपी भी रायबरेली से जीतने के लिए किसी मजबूत दावेदार की तलाश में है।

किसको मिलेगी रायबरेली?

रायबरेली की लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों में कांटे की टक्कर है। खबरों की मानें तो सोनिया के बाद कांग्रेस गांधी परिवार के किसी सदस्य या करीबी को ही रायबरेली से टिकट देगी। वहीं बीजेपी भी कांग्रेस का किला तोड़ने के लिए कोई मजबूत पत्ता जरूर खोलेगी। जाहिर है कांग्रेस अपना गढ़ बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मगर बीजेपी भी अमेठी की तरह रायबरेली को भेदने की पूरी कोशिश करेगी। ऐसे में रायबरेली का रण कौन जीतेगा? इसका फैसला तो 4 जून को ही होगा।

First published on: Mar 19, 2024 03:32 PM

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