UP News: उत्तर प्रदेश (UP News) के अमेठी (Amethi) जिले में आज दो गहरे दोस्त जुदा हो गए। हर किसी की आंख में आंसू थे। ये दोस्त इंसान-इंसान में नहीं बल्कि एक इंसान और एक परिंदा की थी। आरिफ को अपनी जान से प्यारे दोस्त (सारस) को वन विभाग के सुपुर्द करना पड़ा। इसका वीडियो (Video) सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अलग होते इन दोस्तों को लेकर एक ट्वीट किया गया।
अमेठी के गौरीगंज इलाके का है मामला
मामला अमेठी जिले के गौरीगंज इलाके का है। यहां के गांव मंडखा मजरे औरंगाबाद में रहने वाले आरिफ एक दिन अपने खेतों की ओर गए। वहां घायल अवस्था में एक सारस उन्हें दिखा। पास जाकर देखा तो उसके पैर में चोट थी। आरिफ बिना समय गंवाए सारस को अपने घर ले आया। उसकी सेवा की।
टूट गई आरिफ और सारस की जोड़ी, पक्षी को साथ ले गई वन विभाग की टीम#Amethi pic.twitter.com/GQm1DkVmo5
— News24 (@news24tvchannel) March 22, 2023
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साथ खाते और साथ जाते थे दोनों
दोनों काफी समय साथ रहने लगे। अब दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो गई थी कि आरिफ बाइक से कहीं जाते तो सारस भी उड़ कर उनके साथ जाता। आरिफ खाना खाते तो सारस भी उनके साथ खाना खाता। दोनों की दोस्ती इस कदर गहरी हो गई कि आसपास के इलाके में लोग इसकी मिसालें देने लगे। आरिफ और सारस के वीडियो वायरल होने लगे।
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वन विभाग की टीम पहुंची गांव
बताया गया है कि एक बार अमेठी दौरे पर गए सपा प्रमुख भी आरिफ और सारस से मिलने के लिए पहुंचे। आज वन विभाग की टीम आरिफ के गांव पहुंची। सारस को अपने साथ ले जाने लगी तो वह जाने को तैयार नहीं हुआ। जहां-जहां आरिफ जाए, सारस भी वहां-वहां पीछे जाए। लोगों ने इसके वीडियो बना कर भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।
वन विभाग की टीम उप्र के राजकीय पक्षी सारस को तो स्वतंत्र करने के नाम पर उसकी सेवा करनेवाले से दूर ले गयी, देखना ये है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर को दाना खिलानेवालों से स्वतंत्र करने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है। pic.twitter.com/S52HgEjWnV
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 21, 2023
अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखा ये
जैसे ही यह मामला सपा प्रमुख अखिलेश यादव तक पहुंचा तो वे ट्वीट करने से खुद को रोक नहीं पाए। आरिफ और सारस का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘वन विभाग की टीम उप्र के राजकीय पक्षी सारस को तो स्वतंत्र करने के नाम पर उसकी सेवा करने वाले से दूर ले गयी, देखना ये है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर को दाना खिलाने वालों से स्वतंत्र करने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है।