Kanpur: यूपी के कानपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां दो युवक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 14 साल से टीचर की नौकरी कर रहे थे। इस दौरान सरकार ने दोनों को प्रमोशन भी दिया। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने दोनों टीचर्स को गिरफ्तार कर लिया है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जानकारी के अनुसार कानपुर के बर्रा थाने में संदीप राठौड़ ने साल 2022 में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी। यह एफआईआर संदीप ने अपने ममेरे जीजा राजीव के खिलाफ दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार राजीव ने अपनी मां और बहन के साथ मिलकर टीचर की नौकरी दिलवाने के नाम पर 34 लाख रुपए लिए थे। राजीव के साथ कानपुर का रहने वाला धर्मेंद्र और रामशरण भी शामिल था। इसमें फर्जी कागजों के आधार पर टीचर बनाने की बात कहीं गई थी लेकिन संदीप ऐसा करने से इंकार कर दिया।
बर्रा थाने ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि राजीव ने फर्जी कागजों के आधार पर 2 और टीचर बनाए हैं। इनका नाम अनिल कुमार और बृजेंद्र कुमार है। पुलिस ने जब इनके कागजातों की जांच की तो दोनों फर्जी पाए गए। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दोनों साल 2009 से फर्जी कागजात लगाकर टीचर की नौकरी कर रहे हैं।