Uniform Civil Code in Uttarakhand: उत्तराखंड में अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू हो जाता है तो यहां कानून में क्या बदलाव आएंगे? इसका आम लोगों के जीवन पर क्या असर पड़ेगा, इन दिनों लोगों की जुबान पर यही चर्चा है। दरअसल, शनिवार को उत्तराखंड में कैबिनेट की बैठक है, उम्मीद है कि इस बैठक में UCC मसौदा रिपोर्ट को मंजूरी मिल जाएगी। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार 6 फरवरी को इसे विधेयक के रूप में विधानसभा में पेश कर सकती है।
देवभूमि उत्तराखंड से समान नागरिक संहिता को लागू करने की शुरुआत हम सभी प्रदेशवासियों के लिये गौरव का क्षण है। #UCCInUttarakhand pic.twitter.com/ywWLYgodPC
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मसौदे में महिला केंद्रित कई कानून
UCC मसौदा समिति की यह रिपोर्ट शुक्रवार को समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने सीएम को सौंपी है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में काननू की 400 से अधिक धाराओं का उल्लेख है। जानकारी के अनुसार अगर उत्तराखंड में जल्द ही यूसीसी विधेयक पारित हुआ तो वह इसे लागू करने वाला सबसे पहला राज्य बन सकता है। बताया जा रहा है कि यह पूरा मसौदा महिला केंद्रित कानूनों पर है।
मुस्लिम महिलाओं में इद्दत जैसी प्राथाएं खत्म हो सकती है
आइए आपको बताते हैं कि अगर यूसीसी उत्तराखंड में लागू हुआ तो राज्य की कानून व्यवस्था में संभावित बदलाव क्या हो सकते हैं? बताया जा रहा है कि यूसीसी लागू होने के बाद राज्य में अनाथ बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। इसके अलावा मुस्लिम महिलाओं में इद्दत जैसी प्राथाएं खत्म कर दी जाएंगी। अभी तक मुस्लिम महिलाएं अपने पति की मौत के बाद एक निश्चित अवधि तक दूसरी शादी नहीं कर सकती हैं।
UCC की खास बातें
- विवाह रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य होगा।
- लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी देनी होगी।
- दंपति के बीच विवाद होने पर बच्चों की कस्टडी दादा-दादी को दी जा सकती है।
- लड़कियों को पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलेगा।
- मुस्लिम महिलाओं को गोद लेने संबंधी अधिकार सरल होंगे।
- बहुविवाह पर रोक लगाई जा सकती है।
- लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल होगी।
- जनसंख्या नियंत्रण पर नया कानून।