---विज्ञापन---

Tungnath Temple Sinking: दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर ‘तुंगनाथ’ झुका, ASI ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

Tungnath Temple Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूमि धंसाव का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला रुद्रप्रयाग के तुंगनाथ मंदिर का है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि किन्हीं कारणों से तुंगनाथ मंदिर 4 से 5 डिग्री तक झुक गया है। इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: May 18, 2023 10:02
Share :
Tungnath Temple, Tungnath Temple Sinking, Uttarakhand News, ASI
तुंगनाथ महादेव मंदिर।

Tungnath Temple Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूमि धंसाव का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला रुद्रप्रयाग के तुंगनाथ मंदिर का है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि किन्हीं कारणों से तुंगनाथ मंदिर 4 से 5 डिग्री तक झुक गया है। इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

12,800 फीट की ऊंचाई पर है मंदिर

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर मुखी ये मंदिर गढ़वाल हिमालय के रुद्रप्रयाग जिले में 12,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। एएसआई के अधिकारियों ने इस मंदिर की ताजा स्थिति के बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराया है। साथ ही केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि इसे संरक्षित स्मारक के रूप में शामिल किया जाए।

---विज्ञापन---

मंदिर के झुकने की समस्या को गंभीरता से लेते हुए एएसआई ने कहा है कि तत्काल कार्रवाई के रूप में क्षति के मूल कारण का पता लगाएगा, जिससे इसकी तुरंत मरम्मत की जा सकती है। फिलहाल अधिकारी मंदिर को हुए नुकसान के पीछे जमीन धंसने के कारण की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं।

मंदिर को तत्काल ठीक करने का प्रयास

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एएसआई के देहरादून सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज कुमार सक्सेना ने कहा कि वे पहले मंदिर को हुई क्षति के मूल कारणों का पता लगाने की कोशिश करेंगे। इसके बाद इसे तत्काल ठीक करने का प्रयास करेंगे। साथ ही वे मंदिर का गहन निरीक्षण करने के बाद एक विस्तृत कार्य योजना पर भी काम करेंगे।

---विज्ञापन---

मंदिर की दीवारों पर लगाए डिवाइस

कथित तौर पर एएसआई के अधिकारियों ने धंसने की संभावना से इनकार नहीं किया है, जिसके कारण मंदिर के अलाइनमेंट में बदलाव हो सकता है। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वे विशेषज्ञों से परामर्श के बाद क्षतिग्रस्त शिलाओं को बदलने का प्रयास करेंगे। अब एजेंसी ने मुख्य मंदिर की दीवारों पर विशेष डिवाइस लगाए हैं, जो यहां होने वाली हलचल को मापेंगे। दावा किया जाता है कि तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है, जो बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) प्रशासन के अधीन है।

तुंगनाथ महादेव की ये है कहानी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुंगनाथ मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध में हुई हत्याओं को लेकर भगवान शिव पांडवों से नाराज हो गए। उधर पांडवों ने भगवान शिव से माफी मांगने से उन्हें काशी से लेकर केदारनाथ तक ढूंढ़ा, लेकिन वो नहीं मिले।

भगवान शिव एक बैल का रूप लेकर धरती में समाने लगे, जिन्हें भीम ने देख लिया। उन्हें निकालने के लिए भीम ने बैल को पीछे से पकड़ लिया। कहा जाता है कि बैल का पिछला हिस्सा रह गया और बाकी चार हिस्से घरती में समा गए। इन पांचों हिस्सों को पंच केदार कहते हैं, तुंगनाथ तीसरे नंबर के हैं।

उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-

HISTORY

Written By

Naresh Chaudhary

First published on: May 18, 2023 10:02 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें