BJP Jamal Siddiqui statement on demographic report: भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने संभल के जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) रिपोर्ट पर चिंता जताई है, उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सपा व बसपा सरकारों के कार्यकाल में रची गई साजिशों के चलते वहां के हिंदू परिवारों को डरा-धमकाकर पलायन के लिए मजबूर किया गया, जिसका असर अब भी दिख रहा है। सिद्दीकी ने चेताया कि जनसंख्या का संतुलन बिगाड़ना देश को तोड़ने की साजिश है, जैसे पाकिस्तान में हुआ था उन्होंने कहा, “मैं खुद संभल गया हूं। वहां के हालात में सुधार हो रहा है योगी सरकार के प्रयासों से विस्थापित परिवार वापस लौटने लगे हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में और परिवार अपने घर लौटेंगे।”
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बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां…
सिद्दीकी ने कहा कि “संभल में हिंदू भाइयों की आबादी घट रही है जबकि बाकी समुदायों की संख्या बढ़ रही है यह एक सुनियोजित साजिश का नतीजा है… बड़े वर्क साहब और छोटे वर्क ने मिलकर वहां दहशत का माहौल बनाया और घरों पर कब्जे तक करवाए “बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह”
उन्होंने आगे कहा कि अब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है जो किसी के साथ अन्याय नहीं होने देती, मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करवाई और साजिशकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई।
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संभल हिंसा रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता पीएल पुनिया का बड़ा बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. पीएल पुनिया ने शुक्रवार को बाराबंकी स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए संभल हिंसा रिपोर्ट को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट पूरी तरह भरोसेमंद नहीं है। सही और विश्वसनीय आंकड़े तभी सामने आ सकते हैं जब भारत सरकार द्वारा जनगणना कराई जाएगी।
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आंकड़े पूरी तरह प्रमाणिक नहीं
डॉ. पीएल पुनिया ने कहा कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्वतंत्रता के समय यानी 1947 की स्थिति और जनसंख्या संतुलन का हवाला दिया है, लेकिन उस दौर के किसी भी आंकड़े को पूरी तरह प्रमाणिक नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद 1951 में हुई पहली जनगणना के आंकड़े ही वास्तविक आधार माने जा सकते हैं। पुनिया ने सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी काल्पनिक तारीख को आधार बनाकर तथ्य पेश करना उचित नहीं है।
आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल
कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया ने आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को गिनती और आकलन का काम सौंपा गया था वह उनका दायित्व ही नहीं था। इसलिए ऐसी रिपोर्ट को सही मान लेना ठीक नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि सही तस्वीर तभी सामने आएगी जब सेंसेस का ऑपरेशन पूरा होगा और भारत सरकार के द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध होंगे।