यूपी के संभल जिले में भाजपा नेता गुलफाम सिंह की हत्या मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया। पुलिस की जांच में पता चला कि मौजूदा ब्लॉक प्रमुख ने 5 लाख रुपये में गुलफाम सिंह की हत्या की सुपारी दी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आइए जानते हैं कि बीजेपी नेता गुलफाम सिंह की हत्या क्यों कराई गई।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने गुलफाम सिंह मर्डर केस का खुलासा करते हुए कहा कि गुन्नौर क्षेत्र के दबथरा हिमांचल गांव में 10 मार्च को भाजपा नेता की इंजेक्शन लगाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस की स्पेशल टीम लगाई गई और आसपास के सीसीटीवी खंगाले गए। एसपी ने कहा कि सियासी रंजिश में ब्लॉक प्रमुख रवि यादव और उसके पिता महेश यादव ने इस हत्याकांड की साजिश रची थी।
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बरेली सेंट्रल जेल में रची गई थी हत्या की साजिश
गुलफाम सिंह मौजूदा ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे थे। वे रवि यादव को ब्लॉक प्रमुख के पद से हटाना चाहते हैं। अपनी कुर्सी बचाने के लिए ब्लॉक प्रमुख और उसके पिता ने बीजेपी नेता गुलफाम सिंह की हत्या की साजिश रची। पिता महेश यादव बरेली की सेंट्रल जेल में गए और वहां हिस्ट्रीशीटर धर्मवीर से मुलाकात की। इसके लिए पिता-पुत्र ने पहले जमानत पर धर्मवीर को बाहर निकाला।
संभल में BJP नेता गुलफाम सिंह यादव की इंजेक्शन देकर हत्या करने का खुलासा हो गया। गुलफाम यादव मौजूदा ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने यानि कुर्सी से हटाने की तैयारी कर रहे थे।
कुर्सी बचाने के लिए ब्लॉक प्रमुख महेश यादव ने 5 लाख रुपए देकर क्रिमिनल धर्मवीर यादव, रवि… https://t.co/uVIpA6nMh6 pic.twitter.com/i6N9spNzvH
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) March 25, 2025
रेकी कर गुलफाम सिंह को लगाया था जहर का इंजेक्शन
महेश यादव ने 35 हजार रुपये में हिस्ट्रीशीटर धर्मवीर की बेल कराई और फिर एक लाख रुपये देकर उसका ट्रैक्टर भी छुड़वाया। महेश यादव ने उसे 5 लाख रुपये में बीजेपी नेता की हत्या करने की सुपारी दी। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर ने गुलफाम की रेकी की और अपने साथी मुकेश एवं नेमपाल के साथ मिलकर जहर का इंजेक्शन देकर बीजेपी नेता को मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस ने 6 आरोपियों को भेजा जेल
संभल की पुलिस ने गुलफाम सिंह मर्डर केस को 15 दिनों में ही सॉल्व कर दिया। इस मामले में पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर धर्मवीर यादव, रवि यादव, मुकेश यादव, विकास, रामनिवास, सुधीर को गिरफ्तार कर लिया और फिर जेल भेज दिया।
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