Ayodhya: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) ने फैसला किया है कि ‘राम नवमी’ (Ram Navmi) उत्सव कार्यक्रम राम जन्मभूमि परिसर के साथ-साथ ऐसे अन्य स्थानों पर भी आयोजित किए जाएंगे, जहां श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकें। अयोध्या (Ayodhya) श्रीराम जन्मभूमि भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन शनिवार को इस संबंध में फैसला लेते हुए जानकारी दी गई है।
राम नवमी आयोजन और परिक्रमा मार्ग को लेकर हुई चर्चा
ट्रस्ट से जुड़े नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में राम जन्मभूमि परिसर के विश्वामित्र आश्रम में बैठक हुई। बता दें कि रामनवमी के दिन राम जन्मभूमि मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं। इस बार भी रामकोट की परिक्रमा की जाएगी और रामनवमी के दिन विशेष पूजा-अर्चना होगी।
गौरतलब है कि सुरक्षा कारणों से राम जन्मभूमि परिसर में रामनवमी समारोह में सभी को जाने की अनुमति नहीं है। इस कारण इस बार रामनवमी का कार्यक्रम राम की पैड़ी भजन संध्या स्थल और राम कथा पार्क में आयोजित किए जाएंगे।
मंदिर की पहली मंजिल इसी साल अक्टूबर तक पूरी होगी
इस बार रामनवमी एक ही स्थान पर मनाई जाएगी। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं के कार्यक्रमों में शामिल होने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई हैं। पूर्व में बताया गया था कि राम मंदिर की पहली मंजिल का निर्माण कार्य अक्टूबर 2023 तक पूरा हो सकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भगवान राम लला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान होने में अब केवल एक साल का समय बचा है, जिसके बाद अगले वर्ष राम जन्मभूमि मंदिर में ही रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा।
नौ दिन चलता है उत्सव, लाखों लोग होंगे शामिल
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामनवमी का आयोजन नौ दिनों तक चलता है। यह कार्यक्रम सिर्फ भगवान की पूजा के साथ नहीं रुकता है। समाज के हर वर्ग का व्यक्ति इस उत्सव में भाग लेता है।
शनिवार से शुरू हुई दो दिवसीय भवन निर्माण समिति की बैठक में ट्रस्ट के पदाधिकारी और शिल्पकार मौजूद रहे। चंपत राय ने बताया कि बैठक में मशहूर मूर्तिकार प्रमोद कामले भी मौजूद थे। बैठक के दौरान प्रमोद कामले के साथ चर्चा की गई कि राम जन्मभूमि मंदिर के परिक्रमा पथ पर किस तरह की प्रतिमा स्थापित की जाएंगी।
शिल्पकार प्रमोद कामले ने पेश किया ये मॉडल
इस पर शिल्पकार प्रमोद कामले ने कहा कि मैं अभी मॉडल लेकर आया हूं। आगे यह तय किया जाएगा कि मूर्ति कैसे बनेंगी और कितनी मूर्तियां बनेंगी। यह प्रतिमा राम जन्मभूमि मंदिर के परिक्रमा पथ पर स्थापित की जाएगी, जिसके लिए अभी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अनुमति नहीं दी है। माना जा रहा है कि रविवार की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने बताया कि नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे कार्यों का भौतिक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि नृपेंद्र मिश्र ने पूरे परिसर के भौतिक निरीक्षण के बाद ट्रस्ट के इंजीनियरों से बातचीत की।