Uttar Pradesh News: (मनोज पांडेय, लखनऊ) अपना दल कमेरावादी की विधायक पल्लवी पटेल रविवार को हजरतगंज स्थित पटेल पार्क पहुंचीं। पुण्यतिथि पर पल्लवी पटेल ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पटेल ने योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि यूपी में अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश के 74 जिलों में सरकार और अधिकारियों ने भर्ती नियमावली के नियमों को ताक पर रखा है। जिसकी वजह से आरक्षित और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दर-दर भटकने पर मजबूर किया गया है। उन्होंने दावा किया कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों पर नियुक्तियों में घोटाला हुआ था। इस भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली की गई थी। पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार संवैधानिक नियमावली की धज्जियां उड़ा रही है। हर विभाग में भ्रष्टाचार और घूसखोरी का आलम है।
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कहीं भी नियमावली का पालन नहीं किया जा रहा है। अब उन्होंने निर्णय लिया है कि मीडिया के माध्यम से इस कारगुजारी को उजागर करूं। आज वे पॉलिटेक्निक से जुड़ा मुद्दा लेकर आई हैं। पॉलिटेक्निक संस्थानों में विभागाध्यक्षों (HOD) के पद कर नियुक्ति होनी थी। वो सिर्फ UPSC के माध्यम से AICTE के नॉर्म्स को पूरा करके हो सकती थी। भर्ती-2017 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए थे। जिसके बाद से उत्तर प्रदेश चयन सेवा आयोग ही भर्ती करता है। लेकिन अब अभ्यर्थियों के हक मारकर पदोन्नति के आधार पर पद भरे गए हैं।
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हैरानी की बात है कि यूपी में 75 से 74 जिलों में इन पदों पर पुरानी नियमावली के तहत भर्ती हुई है। पे ग्रेड की नई नियमावली चौंकाने वाली है। सिर्फ एक जिले में नई नियमावली के तहत भर्ती की गई है। वो जिला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर है। क्या इस बात की जानकारी प्राविधिक शिक्षा विभाग के मंत्री और सीएम को नहीं है? प्रत्येक नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थी से 25-25 लाख रुपये की वसूली की गई है। इस घोटाले से सरकार पर 50 करोड़ से अधिक का वार्षिक बोझ पड़ेगा। अयोग्य लोगों को पद बांटे गए हैं।
सीएम मामले में जवाब दें
नई नियमावली के तहत भर्ती की योग्यता Ph.D और 12 वर्षों का अनुभव या M.Tech और 15 वर्षों का अनुभव रखी गई थी। भर्ती अधिकारियों को पे ग्रेड लेवल-13 का लाभ मिलना था। लेकिन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार करके पे लेवल-10 के लोगों को सीधे तौर पर नियुक्ति दे दी। 250 लेक्चरर्स को सीधा प्रमोशन देकर हर किसी से 25 लाख की घूस ली गई। जो भर्ती UPPSC के माध्यम से होनी थी, वो विभाग ने अंदर ही अंदर प्रमोशन के माध्यम से कर दी। ये सारा पैसा सीएम के नाम पर बटोरा गया है। इस विषय पर मुख्यमंत्री सदन में आकर जवाब दें। प्रदेश में 19 एडेड और 147 राजकीय पॉलिटेक्निक हैं। कल से सदन की शुरुआत हो रही है। वे इस मामले को सदन में उठाएंगी।