Premanand Maharaj five followers Pandavas life story: कोई सेना से आया तो कोई प्रोफेसर की जॉब छोड़कर, कोई इंजीनियर था तो कोई बिजनेसमैन, एक बार प्रेमानंद महाराज जी को सुनने वृंदावन आए और यहीं के होकर रह गए। कभी प्रेमानंद महाराज के दर्शन की अभिलाषा लिए आए ये पांचों शख्स आज उनके साथ साए की तरह 24 घंटे साथ रहते हैं। वैसे तो प्रेमानंद महाराज के करोड़ों भक्त हैं और लाखों उनके फॉलोवर्स हैं, लेकिन उनके करीबी शिष्यों में इन पांच भक्तों का नाम ही सबसे पहले आता है। इनके नाम हैं नवनागरी बाबा, महामधुरी बाबा, श्यामाश शरण बाबा, आनंद प्रसाद बाबा और अलबेलीशरब बाबा। आइए जानते हैं इनके बारे में।
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क्या आप जानते हैं – पूज्य प्रेमानंद जी महाराज जी के साथ साए की तरह उनके अगल बगल चलने वाले लोग कौन हैं , ये कोई सामान्य लोग नहीं हैं ,,,
— Shaurya Mishra (@shauryabjym) September 2, 2025
आपकी हमारी सोच से ऊपर हैं लोग जो बनना चाहते ये सब वो छोड़ कर आए हैं .. जो लोग चंद रुपया कमा कर के अपनी ही संस्कृति का विरोध करने लगते हैं ये… pic.twitter.com/4EPjhohLtt
नवल नागरी बाबा: सेना से आए
प्रेमानंद महाराज के पांडवों में सबसे पहले हैं नवल नागरी बाबा जो मूलरूप से पंजाब के पठानकोट के रहने वाले हैं। प्रेमानंद महाराज के पास आने से पहले नवल नागरी साल 2008 से 2017 तक सेना में रह चुके हैं। साल 2016 में कारगिल में रहते उन्होंने प्रेमानंद महाराज के प्रवचन सुने थे। प्रश्नोत्तरी में नवल नागरी बाबा प्रेमानंद महाराज के साथ रहकर अहम रोल निभाते हैं।
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आनंद प्रसाद बाबा: बिजनेस छोड़कर आए
प्रेमानंद महाराज के पांडवों में दूसरे नंबर पर हैं आनंद प्रसाद बाबा जो जूतों के बिजनेस को छोड़कर यहां आए और यहीं के होकर रह गए। उन्होंने अपना सारा बिजनेस छोड़कर वृंदावन को भी अपना घर बना लिया। अब वह 24 घंटे प्रेमानंद महाराज के साथ ही रहते हैं।
अलबेलीशरब बाबा: सीए की जॉब छोड़कर आए
प्रेमानंद महाराज के पांडवों में तीसरे नंबर पर हैं अलबेलीशरब बाबा जो सीए की जॉब को छोड़कर वृंदावन में आए और यहीं रह गए। मूलरूप से दिल्ली के रहने वाले अलबेलीशरब बाबा प्रेमानंद महाराज के प्रवचनों से काफी प्रभावित हुए थे। वह अब वृंदावन में राधा भक्ति करते हैं।
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श्याम सुखदानी बाबा: इंजीनियरिंग की जॉब छोड़कर आए
कभी गुड़गांव से लेकर बैंगलोर तक इंजीनियरिंग की जॉब करते रहे श्याम सुखदानी बाबा प्रेमानंद महाराज के पांडवों में चौथे नंबर पर हैं। बाबा प्रेमानंद महाराज के प्रवचनों से वो इतने प्रभावित हुए कि यहीं के होकर रह गए। अब वह 24 घंटे प्रेमानंद महाराज के साथ ही रहते हैं।
श्यामाश शरण बाबा: प्रेमानंद महाराज के भतीजे जो जन्म से साथ
प्रेमानंद महाराज के पांडवों में पांचवें नंबर पर शामिल श्यामाश शरण बाबा का रिश्ता बेहद खास है। मूलरुप से कानपुर के रहने वाले श्यामाश शरण बाबा प्रेमानंद महाराज के भतीजे हैं और जन्म से ही उनके बारे में सुनते रहे हैं। वह प्रेमानंद महाराज से इतने प्रभावित हुए कि कम उम्र में ही घर छोड़ प्रेमानंद महाराज के साथ रहने लगे।
असिस्टेंट प्रोफेसर की जॉब छोड़ने वाले महामधुरी बाबा समेत ऐसे कई प्रोफेशनल्स हैं जो अपनी नौकरियां छोड़कर प्रेमानंद महाराज के साथ जुड़े हैं और वृंदावन में ही रहते हैं।