Prayagraj Maha Kumbh: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष को जमकर घेरा। सीएम ने कहा कि विपक्ष ने महाकुंभ को लेकर दुष्प्रचार किया, लेकिन जनता ने एक नहीं सुनी। योगी ने कहा कि महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई। इनमें 33 करोड़ महिलाएं शामिल थीं। किसी के साथ भी कोई छेड़खानी, लूट, हत्या आदि की घटना नहीं हुई। अनुमान से ज्यादा श्रद्धालु आए, लेकिन कानून व्यवस्था कायम रही। योगी ने कहा कि देश ही नहीं, विदेशी की मीडिया ने भी महाकुंभ की जमकर तारीफ की। बीजेपी आस्था का सम्मान करती है। 2027 में भी जनता बीजेपी का साथ देगी। शिवपाल चाचा फिर चूक गए। संभल में जो किया जा रहा है, वह आस्था का ही सवाल है।
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उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का पहला बजट किसानों को समर्पित था, जो ऋण माफी को लेकर था। दूसरा बजट इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास का था। तीसरा बजट महिलाओं को समर्पित किया था। उनकी सरकार का चौथा बजट युवाओं को समर्पित था। योगी ने कहा कि सरकार का 5वां बजट स्वावलंबन के लिए था। उनकी सरकार अयोध्या में रामलला को समर्पित बजट भी पेश कर चुकी है। हम जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं।
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सपा पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि आप लोग भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं। आप हमारी सोच को सांप्रदायिक बताते हैं, लेकिन हम कैसे सांप्रदायिक हो सकते हैं, यह आपको बताने की जरूरत है? हम लोग सबके साथ और सबके विकास की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के आयोजन ने भारत की विरासत और विकास की अमिट छाप दुनिया में छोड़ी है।
#WATCH | Speaking in Assembly on Prayagraj Mahakumbh, Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, “In 45 days of Mahakumbh, more than 66 crore people from the country and the world visited the Mela. Out of the 66 crore people who visited Mahakumbh, half of them must have been women… pic.twitter.com/lFZVktEwTc
— ANI (@ANI) March 4, 2025
‘लोहिया के आदर्शों से भटकी सपा’
सीएम ने कहा कि महाकुंभ में उम्मीद से अधिक लोग जुटे, सबने पवित्र स्नान किया और अभिभूत होकर लौटे। समाजवादी पार्टी डॉ. लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन उनके आदर्शों से भटक चुकी है। उनके आचरण और सिद्धांतों को भूल चुकी है। राम, विष्णु और शंकर भारत की एकता के आधार हैं, लेकिन सपा इनमें विश्वास नहीं करती। महाकुंभ को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह का धर्म, जाति और क्षेत्र का भेदभाव नहीं दिखा। यह भारत ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन था। इतना बड़ा आयोजन किसी चमत्कार से कम नहीं है, लेकिन कुछ लोगों को सिर्फ कमियां ही नजर आ रही हैं।