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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड को दिया ₹1200 करोड़ रुपये का राहत पैकेज, अनाथ बच्चों की भी होगी देखभाल

उत्तराखंड ने हाल के वर्षों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मजबूत केमिस्ट्री ने राज्य में आपदा प्रबंधन का नया मॉडल स्थापित किया है. मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण न कर पाने के बावजूद राहत और पुनर्वास योजनाओं की समीक्षा की. 1200 करोड़ रुपये की राहत सहायता की घोषणा की गई है, जिससे प्रभावित परिवारों को पुनर्वास में मदद मिलेगी.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Sep 11, 2025 20:48
Narendra Modi
उत्तराखंड में बैठक करते प्रधानमंत्री मोदी

देवभूमि उत्तराखंड, जो अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और आस्था से जुड़ी पहचान के लिए जानी जाता है, हाल के वर्षों में कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुका है. बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने राज्य के विकास और जनजीवन पर गहरी छाप छोड़ी है, लेकिन इन चुनौतियों के बीच भी एक नई उम्मीद जन्म ले रही है. यह उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मजबूत केमिस्ट्री से पैदा हुई है, जिसे देशभर में आपदा प्रबंधन का नया मॉडल कहा जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से गहरा भावनात्मक रिश्ता है. वे कई बार सार्वजनिक मंचों से ‘देवभूमि’ के प्रति अपने विशेष लगाव को जता चुके हैं. केदारनाथ पुनर्निर्माण से लेकर हालिया आपदा तक हर संकट में उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की और लगातार मुख्यमंत्री धामी से संवाद बनाए रखा. राज्य सरकार को हर संभव मदद देने की उनकी प्रतिबद्धता ने उत्तराखंड को मजबूत सहारा दिया है.

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गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करना था, लेकिन खराब मौसम के कारण वे हवाई सर्वेक्षण नहीं कर सके. उन्होंने देहरादून में ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की. इससे पहले उन्होंने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ही आपदा प्रभावितों से मुलाकात की. उन्होंने प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार उनके साथ खड़े हैं. प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि धराली में अपना सबकुछ गंवाने वालों के पुनर्वास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी, जरूरत पड़ने पर नियमों में भी संशोधन किया जाएगा. इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपये की तात्कालिक राहत सहायता की भी घोषणा की. यह पैकेज प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में मददगार साबित होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों को उत्तराखंड भेज चुकी है, जो नुकसान का आंकलन कर रही हैं. उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा. उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि और गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को पचास हजार रुपये की सहायता की घोषणा की. हाल की बाढ़ और भूस्खलन से अनाथ हुए बच्चों को “पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन” योजना के माध्यम से दीर्घकालिक देखभाल और भलाई सुनिश्चित करने की घोषणा भी की गई.

उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य सेवा संगठनों के राहत व बचाव प्रयासों की सराहना की. वहीं पिछले चार वर्षों में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं. क्विक रिस्पांस टाइमिंग ने आपदा प्रबंधन को एक नया आयाम दिया है. राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश स्वयं मुख्यमंत्री धामी ने दिए और ग्राउंड जीरो पर जाकर व्यवस्थाओं की निगरानी की. सभी जिलों में प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित सहायता, भोजन, आवास तथा जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की गई. जिलेवार नुकसान की आकलन रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई ताकि मदद समय से पहुंचे.

मोदी-धामी की केमिस्ट्री ने राज्य को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने का रास्ता खोल दिया है. जनता को यह भरोसा है कि जब नेतृत्व मजबूत, संवेदनशील और दूरदर्शी हो, तो ‘पर्वत’ जैसी बड़ी चुनौतियाँ भी छोटी लगने लगती हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड राहत, पुनर्निर्माण और विकास के रास्ते पर नई गति से आगे बढ़ रहा है.

First published on: Sep 11, 2025 08:47 PM

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