Noida Authority: नोएडा अथॉरिटी ने डीएससी रोड पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। अथॉरिटी का दावा है कि इससे वायु प्रदूषण खासतौर पर पर्टिकुलेट मैटर (PM) यानी धूल के कण को कम करने में मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के तहत शहर में 700 मीटर के स्ट्रेच में 13 पोल पर मिस्ट स्प्रे लगाए गए है। जो कि सड़क पर चार से पांच फीट दूरी तक पानी की फुहार छोड़ रहे हैं। ये मिस्ट स्प्रे पीक आवर में सुबह और शाम तीन-तीन घंटे चलाए जा रहे हैं। एक पोल पर छह मिस्ट स्प्रे नोजल लगे है। 7 दिन तक इनका निरीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद इन्हें अन्य मुख्य सड़कों पर लगाया जाएगा।
प्रेशर के साथ पानी की फुहार
अथॉरिटी के जीएम जल आर पी सिंह ने बताया कि मिस्ट स्प्रे से पानी की फुहार छोड़ी जा रही है। ये स्प्रे सुबह 8 से 11 और और शाम को 6 से 9 बजे तक 10 मिनट के अंतराल पर चलाए जा रहे है। अभी इनको सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन से सेक्टर-16 की ओर करीब 700 मीटर स्ट्रेच में लगाया गया है। एक घंटे में एक पोल पर स्प्रे के लिए 30 लीटर आरओ पानी की जरूरत होती है। आरओ प्लांट, 5000 लीटर का वाटर टैंक, स्वचालित कंट्रोल पैनल द्वार नियंत्रित होता है। बताया जा रहा है कि इसे पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर लगाया गया है। अभी एक स्ट्रेच पर लगाया गया है। इसके बाद दूसरा स्ट्रेच लगाया जाएगा। इसको लगाने में करीब 50 लाख का खर्च हो रहा है। एक बार परीक्षण सफल होने पर इसको शहर की मुख्य सड़कों पर लगाया जाएगा। ताकि यहां प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
मिस्ट स्प्रे लगाने का फायदा
जीएम ने बताया कि मिस्ट स्प्रे सिस्टम पीक आवर्स में गर्मी कम करने में मदद करेगा, धूल प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा, एक मिस्टिंग सिस्टम जो कणों को आकर्षित करने के लिए बारीक पानी की धुंध का छिड़काव करता है और निपटान के समय को तेज करता है, जिससे सभी स्रोतों से और स्थानीय रूप से ढीली मिट्टी या सड़क की धूल, एलर्जी आदि से पर्टिकुलेट मैटर (PM) से निपटा जा सकता है। अथॉरिटी का दावा है कि प्रोजेक्ट के सफल होने से शहर के करीब 10 लाख साफ हवा में सांस ले पाएंगे।
एंटी स्मॉग गन से हो रहा पानी का छिड़काव
जीएम जल आर पी सिंह ने बताया कि सुबह और शाम चलने वाले इस मिस्ट स्प्रे में 90 सेंकेंड तक फुहार छोड़ी जाती है, फिर 60 सेंकेंड के लिए बंद हो जाता है। इसी प्रकार से बारी-बारी से यह चलता रहता है। बता दे धूल के प्रदूषण कम करने के लिए फिलहाल मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों के साथ एंटी स्मॉग गन का उपयोग पानी के छिड़काव के लिए किया जाता है। इस पर खर्च होता है। यह परियोजना सफल होती है तो इससे ईधन और वाहनों की खरीद पर खर्च कम हो जाएगा।