Nainital Election Result Update: नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव परिणामों पर रोक लग गई है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने परिणामों के ऐलान पर फैसला रिजर्व रख लिया है और कहा है कि जांच रिपोर्ट पेश होने के बाद ही फैसला सुनाया जाएगा। बता दें कि 8 अगस्त 2025 को देहरादून निवासी अभिषेक सिंह की याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि आरक्षण निर्धारित करने में गड़बड़ी की गई, जिससे कई उम्मीदवारों को नुकसान हुआ।
हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के परिणाम पर रोक लगाई है। साथ ही 14 अगस्त को मतगणना पूरी होने के बाद चुनाव परिणाम को सीलबंद लिफाफे में रिजर्व कर दिया। कोर्ट ने 18 अगस्त को अगली सुनवाई और दोबारा मतदान करने का आदेश दिया, जिसके बाद ही परिणाम पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। हाई कोर्ट ने पूरे विवाद की जांच रिपोर्ट भी तलब की है, जिसके आधार पर ही हाई कोर्ट अंतिम फैसला सुनाएगी।
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क्या है चुनाव को लेकर छिड़ा विवाद?
बता दें कि नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव विवाद 14 अगस्त 2025 को मतदान के दौरान छिड़ा था। मुख्य विवाद कांग्रेस के आरोपों पर हुआ था। कांग्रेस ने दावा किया है कि उनके 5 जिला पंचायत सदस्यों को पुलिस की मौजूदगी में जबरन उठा लिया गया है, जिससे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हुई है। कांग्रेस ने विवाद के चलते उत्तराखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अध्यक्ष चुनाव को रद्द कर दिया।
हाई कोर्ट ने कांग्रेस के लापता सदस्यों को ढूंढने का आदेश पुलिस को दिया और प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए। हाई कोर्ट ने अपहरण की शिकायत दर्ज न करने पर तल्लीताल थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई का आदेश भी दिया। हाई कोर्ट ने लापता सदस्यों के न मिलने पर नाराजगी जताई है और लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटनाओं को अस्वीकार्य बताया। ऐसे में अब 18 अगस्त को चुनाव उम्मीदवारों के अपहरण पर छिड़े विवाद का निपटारा होने की उम्मीद है।
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क्या रहा विवाद का परिणाम?
बता दें कि विवाद ने राजनीतिक तनाव को बढ़ाया। चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की और मारपीट की घटनाएं हुईं। कांग्रेस नेताओं यशपाल आर्य, संजीव आर्य और सुमित हृदयेश के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें पुलिस को मिलीं। उसी दिन बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान फायरिंग हुई, जिसमें एक व्यक्ति घायल हुआ।
वहीं चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए हाई कोर्ट को बताया गया कि लापता सदस्यों ने शपथ पत्र दिए हैं, जिसमें उन्होंने चुनाव से कोई संबंध न होने की बात कही। हालांकि, कांग्रेस ने दावा किया कि यह शपथ पत्र 14 अगस्त को ही तैयार किए गए हैं, जिस पर हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया।