Mukhtar Ansari To Life Imprisonment : उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट वाराणसी ने एक और मामले में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आइए जानते हैं कि अदालत ने किस मामले में अपना फैसला सुनाया है।
जानें क्या है फर्जी शस्त्र लाइसेंस से जुड़ा मामला
साल 1987 में मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर के डीएम के पास बंदूक के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि उन्होंने डीएम और एसपी के फर्जी साइन से शस्त्र लाइसेंस ले लिया। इस मामले में साल 1990 में सीबीसीआईडी ने मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी समेत पांच नामजद और अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले की जांच के बाद साल 1997 में मुख्तार अंसारी और तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ था, लेकिन साल 2021 में गौरीशंकर श्रीवास्तव की मौत हो गई थी। इस मामले में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश उपाध्याय की अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया है।
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हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को अधिकतम सजा सुनाई है। पहली बार फर्जीवाड़ा और साजिश की धाराओं में अधिकतम सजा हुई है। हम इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे।
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मुख्तार अंसारी को हुई सजा का डिटेल
420, 120b सात वर्ष की सजा और पचास हजार जुर्माना।
467,120b आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना।
468, 120b सात साल की सजा और पचास हजार जुर्माना।
30 आर्म्स एक्ट के तहत छह माह की सजा और दो हजार जुर्माना।
427 (2) के तहत पूर्व सजा के साथ ये सजाएं भी साथ-साथ चलेंगी।