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मेरठ में अवैध वसूली करने पहुंचे थे दो दरोगा, ग्रामीणों ने बनाया बंधक; एक थप्पड़ ने कैसे बिगाड़ा पूरा खेल?

Uttar Pradesh Crime News: उत्तर प्रदेश पुलिस फिर सवालों के घेरे में है। मेरठ जिले के एक गांव में नशे में धुत दो दरोगा अवैध वसूली करने के लिए गए थे। यहां पूरा मामला एक थप्पड़ की वजह से बिगड़ गया। जिसके बाद लोगों ने दोनों को बंधक बना लिया। विस्तार से इस मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Nov 3, 2024 14:57
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Uttar Pradesh Crime News

Meerut Crime News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में दो दरोगा नशे में धुत होकर वसूली करने गए थे। लेकिन गोविंदपुरी गांव में लोगों ने उनको बंधक बना लिया। जिसके बाद पुलिस फोर्स ने जाकर छुड़वाया। दरोगा 3 घंटे तक बंधक बनाए गए। थाना परीक्षितगढ़ क्षेत्र में गोविंदपुरी गांव पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि ये दोनों दरोगा पटाखों की बिक्री के नाम पर गांववालों से पैसे मांग रहे थे। बंधक बनाए जाने की सूचना के बाद सदर देहात के सीओ 3 थानों की फोर्स लेकर पहुंचे और इनको 3 घंटे की मशक्कत के बाद छुड़वाया। दोनों को थाने ले जाया गया। यहां से दोनों दरोगा फरार हो गए। परीक्षितगढ़ थाने में तैनात सतेंद्र और ट्रेनी शिवम शनिवार रात गांव में पिंटू नामक शख्स के घर पहुंचे थे।

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दोनों ने पिंटू से पटाखे बेचने के एवज में पैसे मांगे। इसी बीच वसूली का विरोध करने एक बुजुर्ग महिला आगे आ गई। दरोगा ने महिला को थप्पड़ जड़ दिया। जिसका हरेंद्र नाम के शख्स ने विरोध किया। उसे भी दरोगा ने थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद पूरा खेल बिगड़ गया। ग्रामीण घर के बाहर एकत्र हो गए और दोनों को बंधक बना लिया। आरोप है कि इससे पहले दोनों ने अपना पिस्तौल निकालकर लोगों को डराया। लोगों को धमकी दी कि जेल में डाल देंगे। लेकिन ग्रामीण उग्र हो गए। दोनों की पिटाई करने की बात भी सामने आ रही है।

थाने से फरार हुए दोनों

इसके बाद बंधक बनाने की सूचना के बाद सीओ सदर देहात परीक्षितगढ़, मवाना, किठौर, भावनपुर थानों से बड़ी संख्या में फोर्स लेकर पहुंचे। ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सतेंद्र सिंह कई दिन से दुकानदारों को तंग कर रहा था। लोगों को डराकर वसूली की जाती थी। इसके बाद सीओ ने लोगों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। 3 घंटे बाद दोनों को छोड़ा गया। लेकिन मेडिकल करवाने से पहले ही दोनों आरोपी दरोगा थाने से फरार हो गए।

सतेंद्र पर किठौर थाने में तैनाती के दौरान भी वसूली जैसे आरोप लग चुके हैं। आरोप है कि राधना गांव में कई बार एनआईए की रेड अवैध हथियारों के सिलसिले में हो चुकी है। लेकिन सतेंद्र पहले ही इसकी सूचना अवैध हथियारों का कारोबार करने वालों को दे देता था। जिससे टीम को कुछ हाथ नहीं लगता था।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Nov 03, 2024 02:25 PM

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