अशोक तिवारी/लखनऊ
देश में नजदीक आ रहे लोकसभा चुनाव को अलग-अलग सियासी पार्टियों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। एक ओर मौजूदा सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ देश की 26 पार्टियों के गठबंधन ने हंगामा मचा रखा है, वहीं अब इन पार्टियों में प्रधानमंत्री पद के लिए भी दौड़ शुरू हो गई है। कांग्रेस का खेमा राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी की जगह देखना चाहता है तो अब समाजवादी पार्टी ने साइकल से दिल्ली तक का सफर तय करने की ठान ली है। पार्टी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किए जाने के बाद विरोधियों ने भी टांग खींचनी शुरू कर दी है।
नरेश उत्तम पटेल ने बताया था अखिलेश को PM पद का दावेदार
दरअसल, ज्यादा दिन नहीं बीते हैं, जब समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बताया था। उसके ठीक बाद पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव ने भी कुछ ऐसा ही कह डाला। अब इस मामले ने बयानबाजी के एक अलग ही माहौल को जन्म दे दिया। अब भाजपा और भाजपा नेता आमने-सामने आ गए हैं।
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बता दें कि सपा द्वारा अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किए जाने के बाद योगी आदित्यनाथ के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार में सबसे ज्यादा जिम्मेदार नेता केशव प्रसाद मौर्य (डिप्टी सीएम) ने तंज कस डाला। बुधवार को शाहजहांपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत के बाद मौर्य जब मीडिया से बात कर रहे थे तो उसी दौरान उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव, उनके परिवार और उनकी पार्टी का यूपी में सत्ता में आने का भविष्य नहीं है। मुझे कई ज्योतिषियों ने बताया है।
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इसके बाद समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि शायद वो (केशव प्रसाद मौर्य) उसी ज्योतिषी का जिक्र कर रहे हैं, जिन्होंने सिराथू विधानसभा सीट से उनकी जीत की भविष्यवाणी की थी। इसी के साथ यहां इस मामले में यह बात भी उल्लेखनीय है कि शिवपाल यादव, अखिलेश यादव और केशव मौर्य पहले भी कई बार सियासी मुद्दों पर आमने-सामने हो चुके हैं।