Kumbh Mela Stampede History: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन हो रहा है। इस बीच मौनी अमावस्या पर शाही स्नान से पहले संगम नोज पर भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक कई श्रद्धालुओं के घायल और मारे जाने की खबर है। हालांकि प्रशासन ने घायलों और मृतकों का आंकड़ा जारी नहीं किया है। ऐसे में आइये जानते हैं, भगदड़ जैसी घटनाओं से कुंभ क्षेत्र कब-कब लहूलुहान हो चुका है?
प्रयागराज कुंभ 1954: कुंभ में सबसे पहली भगदड़ 1954 में मची थी। प्रयागराज के कुंभ मेले में 3 फरवरी 1954 को मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मची थी। इस हादसे में 800 लोगों की मौत हुई थी।
उज्जैन कुंभ 1992ः 1992 में उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान मची भगदड़ के दौरान 50 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
नासिक कुंभ 2003ः महाराष्ट्र के नासिक में 2003 के कुंभ मेले के दौरान 27 अगस्त को भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 39 लोगों की मौत हो गई थी।
हरिद्वार कुंभ 2010ः उत्तराखंड के हरिद्वार में 2010 में कुंभ मेले के दौरान 14 अप्रैल को भगदड़ मच गई थी। इसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी।
प्रयागराज कुंभ 2013ः प्रयागराज में 2013 में भी कुंभ मेले का आयोजन हुआ था। यह घटना मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दौरान घटी थी। 10 फरवरी को मौनी अमावस्या पर प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची थी। जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी।
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प्रयागराज महाकुंभ 2025ः यह घटना भी आज मौनी अमावस्या के दिन ही हुई है। 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए 15 करोड़ से अधिक लोग पहुंचे। इस दौरान 28 जनवरी की देर रात अफवाह के बाद अचानक भगदड़ मच गई। इसके बाद लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ लोग भगदड़ से बचने के लिए बिजली के पोल पर चढ़ गए। भगदड़ में कई लोगों के मरने और घायल होने की खबर है।