Keshav Prasad Maurya Meets JP Nadda: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश के परिणाम ने पूरी बीजेपी को हिला के रख दिया। इंडिया गठबंधन की अगुवाई में अखिलेश यादव ने बीजेपी से भी ज्यादा सीटें जीत लीं और तभी से बीजेपी में उठापटक का सिलसिला शुरू हो गया है। पश्चिमी यूपी में संजीव बालियान और संगीत सोम की सार्वजनिक जुबानी जंग के बाद अब फोकस केशव प्रसाद मौर्या पर शिफ्ट हो गया है।
दरअसल यूपी बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में ही केशव प्रसाद मौर्या ने अपने तेवर साफ कर दिए थे और उन्होंने कार्यकर्ताओं की बात करते हुए कहा था कि ‘जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है और बीजेपी में सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा।’ केशव मौर्य ने यह भी कहा था कि 7 कालिदास मार्ग कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला है। केशव मौर्या के इसी बयान के बाद यूपी बीजेपी में मतभेद और मनभेद की खबरें सार्वजनिक हो गई हैं।
बीजेपी कार्यसमिति की मीटिंग के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मंगलवार शाम को बीजेपी के राष्ट्रीय जेपी नड्डा से मुलाकात की। दोनों नेताओं की नड्डा के साथ लंबी बातचीत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केशव मौर्या और भूपेंद्र चौधरी अभी भी दिल्ली में मौजूद हैं। पार्टी नेतृत्व दोनों नेताओं से और बातचीत कर सकता है।
‘यूपी का मतभेद’ बना बीजेपी का सिरदर्द
केशव मौर्या ने बीजेपी कार्यसमिति में दिए गए अपने बयान को अपने एक्स अकाउंट के जरिए 17 जुलाई को पोस्ट कर एक बार फिर दोहराया। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बीजेपी की कोशिश यूपी में संगठन और सरकार के बीच जारी मतभेद को खत्म किया जाए और नड्डा ने इस बारे में दोनों नेताओं से गंभीर विचार विमर्श किया है। हालांकि समस्या केवल केशव मौर्या के बयान ही नहीं हैं, लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी के नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं और इससे आलाकमान परेशान है। इस वजह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भूपेंद्र चौधरी और केशव मौर्या से उनका मत जाना है।
संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है…
-मा0 उप मुख्यमंत्री श्री @kpmaurya1 जी#BJPUPKaryasamiti2024 pic.twitter.com/gSwqrJwtSB
— Office of Keshav Prasad Maurya (@OfficeOfKPM) July 17, 2024
बीजेपी के लिए यूपी में सरकार और संगठन के मतभेद को सुलझाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि आने वाले दिनों में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन केशव मौर्या ने बागी शुरू अपना कर आलाकमान के माथे पर पसीने ला दिए हैं।
‘अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती बीजेपी’
इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करके बीजेपी और योगी सरकार पर निशाना साधा है। सपा सुप्रीमो ने लिखा, ‘भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है। जनता के बारे में सोचनेवाला भाजपा में कोई नहीं है।’
भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है।
तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।
जनता के बारे में सोचनेवाला…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 17, 2024
खबरों की मानें तो आने वाले वक्त में यूपी बीजेपी में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। देखना होगा कि यूपी बीजेपी में सरकार में बदलाव होगा या संगठन में, और इस बदलाव में केशव प्रसाद मौर्या को क्या जिम्मेदारी मिलती है।