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Joshimath Sinking: जिला प्रशासन का दावा- 20 जनवरी के बाद किसी मकान में दरार नहीं आई; स्थानीय लोगों ने दिया ये जवाब

Joshimath Sinking: चमोली जिला प्रशासन ने दावा किया है कि जोशीमठ शहर में 20 जनवरी के बाद से संपत्ति को कोई नया नुकसान नहीं हुआ है। किसी भी मकान में 20 जनवरी के बाद नई दरारें नहीं आईं हैं। प्रशासन के मुताबिक, 20 जनवरी तक जोशीमठ के 863 संरचनाओं में दरारें पाई गई हैं, जिनमें से 181 […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Feb 27, 2024 14:53
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Joshimath Sinking

Joshimath Sinking: चमोली जिला प्रशासन ने दावा किया है कि जोशीमठ शहर में 20 जनवरी के बाद से संपत्ति को कोई नया नुकसान नहीं हुआ है। किसी भी मकान में 20 जनवरी के बाद नई दरारें नहीं आईं हैं। प्रशासन के मुताबिक, 20 जनवरी तक जोशीमठ के 863 संरचनाओं में दरारें पाई गई हैं, जिनमें से 181 अत्यधिक जोखिम में थीं। इनकी संख्या में किसी तरह की वृद्धि नहीं हुई है।

चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि हमारा सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। हम आंकड़ों का मिलान कर रहे हैं। अगर कोई बदलाव होगा भी तो मामूली ही होगा। उधर, नागरिक समाज संगठन ‘जोशीमठ बचाओ सघर्ष समिति’ के संयोजक अतुल सती इससे सहमत नहीं हैं।

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अतुल सती ने लगाया ये आरोप

अतुल सती के मुताबिक, समिति को लगभग रोजाना घरों में दरारें मिलने की सूचना दी जाती है और राज्य सरकार जारी संकट पर कागजी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि कस्बे में सब कुछ ठीक है। ये वास्तविकता को दबाने का एक प्रयास है।

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सती ने कहा कि कस्बे के प्रति प्रशासन के लापरवाह रवैये के कारण पीड़ित हैं। अगर प्रशासन ने इसे कम आंकने या चीजों को छिपाने के बजाय स्वीकार किया होता तो आज जैसी स्थिति कभी पैदा ही नहीं होती।

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सती बोले- हिमपात और बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ा

अतुल सती ने कहा कि 20 जनवरी और फिर उसके बाद भी शहर में हिमपात और बारिश हुई, जिससे स्थिति और बिगड़ी है। उन्होंने कहा कि अगर जोशीमठ में सब ठीक है, तो शुक्रवार को शहर और आस-पास के गांवों के हजारों लोग सड़कों पर क्यों उतरे?

बता दें कि जोशीमठ के निवासियों ने संकट की गतिविधियों से प्रभावित परिवारों को अपर्याप्त मुआवजा दिए जाने से नाराज होकर शुक्रवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले एक रैली निकाली थी। बताया जा रहा है कि जोशीमठ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिए गए बयान ने स्थानीय निवासियों को नाराज कर दिया है। 12 जनवरी को अपने दूसरे दौरे के दौरान धामी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि जोशीमठ शहर में संकट प्राकृतिक आपदा है और यह किसी के कारण नहीं हुआ है।

धामी ने यह भी कहा था कि आपदा के बारे में अफवाहें शहर के बारे में एक गलत धारणा पैदा कर रही हैं। जो निवासियों और जोशीमठ की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दहशत पैदा न करें कि जोशीमठ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त और असुरक्षित है। हमारे पास अंतरराष्ट्रीय खेल हैं, चार धाम यात्रा आगे है। धामी ने ये भी कहा, “जोशीमठ में 65-70% लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं।

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Om Pratap

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rahul solanki

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Manish Shukla

First published on: Jan 29, 2023 10:34 AM
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