लखनऊ में गुरुवार को आईआरएस अधिकारियों के बीच हुई मारपीट से हड़कंप मच गया है। इस मारपीट के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। विवाद बढ़ने के बाद मामले के जांच के आदेश दिए गए हैं। मारपीट में घायल 2016 बैच के आईआरएस अधिकारी गौरव गर्ग का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनके चेहरे और सिर पर चोटें आई हैं। अब इस मामले में नया ट्विस्ट आया है।
गौरव गर्ग ने बताया कि जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा अचानक ऑफिस में घुस आए और उन पर हमला कर दिया। इस हमले के पीछे की वजह यह है कि एक क्रिकेट मैच में योगेंद्र मिश्रा को नहीं शामिल किया गया था। तब उन्होंने खिलाड़ियों को धमकाया था। उनके इस करतूत के चलते उनका ट्रांसफर लखनऊ से उत्तराखंड कर दिया गया था, तभी से वह नाराज चल रहे थे।
पुलिस ने कहा- दर्ज हुआ मुकदमा
वहीं इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपी अफसर योगेंद्र मिश्रा पर हत्या के प्रयास के साथ ही सरकारी काम में बाधा डालने की जैसी धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है आगे की कार्रवाई की जा रही है। लखनऊ के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि गर्ग ने गुरुवार को पुलिस को अपने ऊपर हुए हमले की जानकारी दी। पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची थी।
आईआरएस अधिकारी योगेंद्र मिश्रा की सफाई
वहीं योगेंद्र मिश्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मेरे खिलाफ किए जा रहे अत्यधिक उत्पीड़न, चरित्र हनन और झूठी पुलिस शिकायतों के बारे में सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए मजबूर हुआ हूं। 2022 से जब से मैंने कानपुर में श्री गौरव गर्ग, आईआरएस का स्थान लिया है, मैंने उनके कार्यकाल के दौरान टैक्स जांच में गंभीर चूक की रिपोर्ट की है। इससे उनकी दुश्मनी बढ़ गई और मेरे खिलाफ लगातार बदलने की भावना से निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 13 फरवरी को विभागीय क्रिकेट मैच में हुए मामूली विवाद को सभी पक्षों की ओर से सुलझा लिया गया था। फिर भी, महीनों बाद, इस सुलझे हुए मामले का एक वीडियो गौरव गर्ग ने अपनी आईपीएस पत्नी के माध्यम से ब्लैकमेलर पत्रकार को लीक कर दिया, जिससे मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा सके। इस वीडियो के बदले मुझे ₹50,000 के लिए ब्लैकमेल करने की कोशिश हुई।
FIR दर्ज करने से पहले हो निष्पक्ष जांच- योगेंद्र मिश्रा
आईआरएस अधिकारी योगेंद्र मिश्रा ने आगे बताया कि हैरानी की बात यह है कि 30 मार्च को इस मनगढ़ंत वीडियो के आधार पर मेरा अचानक लखनऊ से काशीपुर तबादला कर दिया गया। तबादला आदेश मुझे आधिकारिक रूप से जारी किए जाने से पहले ही मीडिया में प्रसारित कर दिया गया, जो प्रोटोकॉल का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके साथ ही योगेंद्र मिश्रा ने की आरोप लगाते हुए मांग की है कि मैंने लखनऊ के पुलिस आयुक्त के समक्ष औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें साक्ष्य,सीसीटीवी, गवाहों के बयान और रिकॉर्ड उपलब्ध कराए गए हैं। मैं अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि मेरे खिलाफ कोई भी दुर्भावनापूर्ण या तुच्छ एफआईआर दर्ज करने से पहले निष्पक्ष, साक्ष्य आधारित जांच की जाए।
इसके साथ ही योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि मानसिक उत्पीड़न बहुत गंभीर है। ईमानदारी बनाए रखने और गलत कामों को उजागर करने के कारण मुझे निशाना बनाया जा रहा है। मैं जनता और अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे इस प्रतिशोध को समझें और सुनिश्चित करें कि सच्चाई सामने आए।