मथुरा से मातुल शर्मा की रिपोर्टः Holi 2023: भगवान श्रीकृष्ण की जन्म और क्रीड़ा स्थली ब्रज में 24 फरवरी से रंगों का त्योहार यानी होली का उत्सव शुरू होने जा रहा है। हालांकि मान्यताओं के अनुसार ब्रज में पूरे 45 दिन होली (Holi 2023) मनाई जाती है, लेकिन इन 45 दिनों में भी ब्रज के खास मंदिरों में अलग-अलग तारीखों पर भव्य आयोजन होते हैं।
प्रेम और भक्ति के रंग में रंगते हैं देसी-विदेशी भक्त
ब्रज में पूरे 45 दिनों तक लोग प्रेम और भक्ति के रंगों में रंगे रहते हैं। ब्रज की होली का कार्यक्रम सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कोने-कोने और विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। विदेशी भक्त भी सराबोर नजर आते हैं। जानकारों की मानें तो फाल्गुन मास में मुख्य मंदिरों में होली का नियमित उत्सव चलता है, लेकिन तिथि विशेष कार्यक्रम भी यहां की खास पहचान हैं।
ब्रज के प्रमुख उत्सवों की तिथियां
- 24 फरवरी- संतों की होली
- 27 फरवरी शाम- बरसाना की लड्डू होली
- 28 फरवरी- बरसाना की लठामार होली
- 1 मार्च- नंदगांव की लठामार होली
- 3 मार्च- रंग भरनी एकादशी बांके बिहारी मंदिर (वृंदावन)
- 3 मार्च- श्रीकृष्ण जन्मभूमि (मथुरा)
- 4 मार्च- गोकुल की छड़ीमार होली
- 5 मार्च- राधा बल्लभ होली
- बिहारी जी की होली (नियमित कार्यक्रम)
- प्रियकांत जु मंदिर होली (कई कार्यक्रम)
- 7 मार्च- फालैन का पंडा (जलती हुई होलिका से गुजरने का कार्यक्रम)
- 7 मार्च- द्वारकाधीश मंदिर (मथुरा)
- 7 मार्च- चतुर्वेदी समाज का डोला
- 8 मार्च- धुलेंडी (संपूर्ण ब्रज)
- 9 मार्च- दाऊजी का हुरंगा
- 15 मार्च- रंगनाथ मंदिर (वृंदावन)
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