Hathras Rape and Murder Case: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) जिले में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के मामले (Hathras Rape and Murder Case) में जेल में बंद चार युवकों में से तीन को शुक्रवार को अलीगढ़ जिला (Aligarh Jail) जेल से रिहा कर दिया गया। बताया गया है कि गुरुवार को एससी-एसटी कोर्ट (SC-ST Court) ने इन तीन को बरी किया था। जबकि चौथे को दोषी माना था।
एक को गैर इरादतन हत्या में आजीवन कारावास
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि रामू, लवकुश और रवि को अलीगढ़ जेल से रिहा किया गया है। कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। जबकि आरोपी संदीप को गैर इरादतन हत्या के अपराध और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था।
सुबह आठ बजे तीनों को जेल से रिहा किया
अलीगढ़ के जेलर पीके सिंह ने बताया कि चार आरोपी थे। तीन को रिहा कर दिया गया है। संदीप (मामले में दोषी) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बाकी तीन को आज सुबह 8 बजे रिहा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट से रिहाई आदेश आने के बाद रिहाई दी गई है।
Hathras, UP | Court gave a decision based on its observations in the case. CBI made 4 accused in the case (Hathras Rape Case), of them, one has got lifetime imprisonment, and 3 acquitted today. We will go to High Court against those acquitted today: Seema Kushwaha, Victim’s Adv pic.twitter.com/vjsWdX2IgD
---विज्ञापन---— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 2, 2023
14 सितंबर 2020 को हुई थी घटना
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक लड़की के साथ 14 सितंबर 2020 को मारपीट और कथित रूप से सामूहिक बलात्कार का आरोप लगा था। घटना के बाद 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई थी।
पुलिस पर लगे थे ये आरोप
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके शव का पुलिस ने अंतिम संस्कार किया था। आरोप लगे थे कि प्रशासन ने कथित तौर पर पीड़ित परिवार की सहमति के बिना ऐसा किया था।
पीड़ित पक्ष की वकील ने दिया ये बयान
पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा ने मीडिया को बताया कि अदालत ने मामले में अपनी टिप्पणियों के आधार पर एक निर्णय दिया। सीबीआई ने इस मामले में 4 को आरोपी बनाया था। उनमें से एक को आजीवन कारावास हुआ है। जबकि तीन को बरी किया गया है। हम बरी किए गए लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।