Greater Noida News: बरसात के मौसम में जहां आमतौर पर डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का खतरा रहता है। वहीं ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों में स्क्रब टाइफस ने बच्चों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। अगस्त और सितंबर के 40 दिनों में अब तक 8 बच्चों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हो चुकी है। हर पांचवें दिन एक बच्चा इस बीमारी से संक्रमित पाया गया है।
डेंगू-मलेरिया निगेटिव, स्क्रब टाइफस पॉजिटिव
सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुमी नंदवानी ने बताया कि अधिकतर बच्चे तेज बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचते है। जब डेंगू और मलेरिया की रिपोर्ट निगेटिव आती है तब डॉक्टर स्क्रब टाइफस की जांच करवाते है। हाल में मिले सभी पॉजिटिव मामले 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों है।
समय पर इलाज से ठीक हो सकता है मरीज
डॉ. सुमी ने बताया कि यदि स्क्रब टाइफस की समय पर पहचान कर ली जाए। सही एंटीबायोटिक दवाएं दी जाएं तो मरीज को जल्दी राहत मिल सकती है। चाइल्ड पीजीआई में भर्ती कराए गए सभी बच्चों को उचित इलाज के बाद छुट्टी दी जा चुकी है।
क्या है स्क्रब टाइफस?
स्क्रब टाइफस एक जीवाणु जनित संक्रमण है जो चिगर नामक कीड़े के काटने से होता है। चिगर के काटने पर त्वचा पर लाल या गुलाबी रंग का घाव हो जाता है। इस संक्रमण के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, बदन दर्द और लसीका ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) में सूजन शामिल है।
बच्चों को रखें सुरक्षित
चिकित्सकों ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को गीली घास, झाड़ियों या खुले मैदानों में खेलने से रोके। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और बुखार के लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
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