Uttar Pradesh Noida News (जुनेद अख्तर) : नोएडा के ग्रामीणों ने टीबी रोग को हराने के मामले में इतिहास रच दिया है। इस बार जिले में 13 ग्राम पंचायतों ने टीबी रोग को हराया है। जबकि एक का अभी निरीक्षण चल रहा है। बताया जा रहा है कि जिले में पहली बार एक साथ इतनी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। इससे पहले सिर्फ चार ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त थी। वहीं, जिला प्रशासन ने टीबी रोग से मुक्त ग्राम पंचायतों को 24 मार्च को सम्मानित करने का फैसला किया है। प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी हे।
दादरी, जेवर और बिसरख की ग्राम पंचायतें
जिला टीबी नियंत्रण अधिकारी डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि टीबी मुक्त घोषित होने वाली ग्राम पंचायतें दादरी, जेवर और बिसरख की हैं। इन ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य विभाग समेत तीन विभागों ने सर्वे और भौतिक निरीक्षण किया। प्रति हजार की आबादी पर एक या इससे कम टीबी रोगी होने पर जिला प्रशासन ग्राम पंचायत को रोग मुक्त घोषित करता है। पिछले दस दिनों से तीनों विभागों की टीम इन गांवों का निरीक्षण कर रोगियों का हालचाल जान रही थी। इसके बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को भेज दी।
अन्य ग्राम पंचायतों को जारी रहेगा काम
जिला टीबी नियंत्रण अधिकारी डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि पहली बार एक साथ इतनी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। इसके बाद भी जिले की अन्य ग्राम पंचायतों को चिह्नित कर रोग से संबंधित जानकारी ली जाएगी। इसके बाद ऐसी जगहों पर भी यह कार्यक्रम चलेगा। इसमें अन्य विभागों के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे। ऐसे में सभी लोग एक साथ इसका भौतिक निरीक्षण करें। ताकि पारदर्शिता बनी रहे और जिले से टीबी रोग को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।
मरीजों की होगी नियमित निगरानी
टीबी रोग से मुक्त ग्राम पंचायतों को सम्मानित करने के लिए 24 मार्च का दिन तय किया गया है। इसी दिन विश्व टीबी दिवस भी मनाया जाता है। इस दिन ग्राम प्रधान को प्रमाण पत्र और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा दी जाएगी। इसके बाद ग्राम प्रधान को गांवों में टीबी के मरीजों की नियमित निगरानी भी करनी होगी। नया मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना होगा। साथ ही सभी मरीजों को इलाज, दवा आदि उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना होगा। जिला टीबी नियंत्रण अधिकारी डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि सभी ग्राम प्रधान के साथ इसे लेकर कई बार मीटिंग की गई है।
टीबी रोग के 14 हजार मरीज
जिले में टीबी के 14 हजार मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें से करीब 15 फीसदी यानी दो हजार से अधिक मरीज अपने खर्च पर इलाज करा रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग अन्य मरीजों को मुफ्त इलाज और दवा उपलब्ध करा रहा है। जिले में टीबी की सभी प्रमुख जांच उपलब्ध हैं। पहले कई जांचों के लिए गाजियाबाद या मेरठ जाना पड़ता था। इसके साथ ही जांच और इलाज के लिए केंद्रों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 200 से अधिक संदिग्ध टीबी मरीज इलाज के लिए आते हैं।